झरिया. झारखंड विधानसभा में बीएड शिक्षारत विद्यार्थियों का शुल्क सबंधित मुद्दा झरिया विधायक सह सचेतक पूर्णिमा नीरज मंगलवार को उठाया. साथ ही कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा फीस में 25 प्रतिशत माफी का मांग की. विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि अलग अलग विश्वविद्यालय में अलग अलग शुल्क वसुला जा रहा है.
विनोबा भावे विश्वविद्यालय अंतर्गत बीएड पाठ्यक्रम के शुल्क समान्य पछडा वर्ग को नब्बे हजार व अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति को 80 हजार रुपये तय किया गया है. जबकि वर्ष 17 में अलग कर बीबीएमकेयू का गठन किया गया. जहां कि समान्य/ पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 1लाख 20 हजार व अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति के विद्यार्थियों के लिए 1 लाख 10 हजार रुपये लिया जाता है.यह नियम सेमेस्टर दो, चार व छ: के विद्यार्थियों पर लागू किया गया है.
विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कोरोना महामारी से विद्यार्थियों को काफी परेशानी शुल्क जमा करने मे हो रही है. उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत शुल्क कटौती का आदेश लागू कराने की मांग की. जिसके जबाब में शिक्षा विभाग द्वारा अलग अलग विश्वविद्यालय में भिन्न शुल्क लेने का बात को गंभीररता से लिया है. साथ ही विश्वविद्यालय को जरुरी कदम उठाने का बात कही.
शिक्षा निदेशक ने लिखा कुल सचिव को पत्र: उच्च शिक्षा निदेशक ए मुथु कुमार ने मंगलवार को पत्रांक संख्या 1214 के माध्यम से कुलसचिव को पत्र लिखा है.जो कि रांची विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, सिद्धु कान्हो मूर्म विश्वविद्यालय, निलाम्बर पिताम्बर विश्वविद्यालय व बीबीएमकेयू के अंतर्गत सभी विद्यालय में पढने वाले बीएड के छात्रों के सबंध में आदेश जारी किया गया है.
पत्र में विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह द्वारा उठाये गये मांग के आलोक में बीएड पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों का न्यूनतम शुल्क निर्धारण करने व कोरोना महामारी के दौरान विद्यार्थियों का तय शुल्क में 25 प्रतिशत माफ करने को कहा है.साथ ही नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.