सीबीएसई साल 2023 में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने की तैयारी में है। इसमें कौशल और व्यावसायिक शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। दसवीं की परीक्षा रखने अथवा हटाने पर भी विचार हो रहा है।
नई शिक्षा नीति-2020 का ड्राफ्ट जारी हो चुका है। दो साल कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसई सहित स्कूल, कॉलेज-यूनिवर्सिटी में यह लागू नहीं हुई है। सत्र 2023-24 से बोर्ड चरणबद्ध तरीके से नई शिक्षा नीति लागू करना चाहता है। वडोदरा में सहोदय स्कूल की कॉन्फ्रेंस में बोर्ड अध्यक्ष निधि छिब्बर ने इसके संकेत दिए हैं।
खत्म हो सकती है दसवीं की परीक्षा
नई शिक्षा नीति के तहत दसवीं की परीक्षा को खत्म करने अथवा यथावत रखने पर चर्चा हो रही है। बोर्ड ने स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन एवं गारंटी फ्रेमवर्क शुरू किया है। इसके अलावा नवीं और दसवीं कक्षा के लिए गणित और विज्ञान विषय की प्रेक्टिस किताबें तैयार हो रही हैं, ताकि विद्यार्थी लघु और कौशल विकास आधारित शिक्षा प्राप्त करें।
बनाई प्रयोग योजना…
नई शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने प्रयोग योजना भी तैयार की है। इसमें स्कूल शिक्षकों-विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक उन्नयन के नए कार्यक्रम जोड़े गए हैं।
– कहानी सुनाना और खेल मैदान में भागीदारी
– विषयवार संयुक्त लर्निंग सिस्टम
– प्रयोगात्मक शिक्षण और नवाचार
– कौशल विकास एवं उद्यमिता
– पर्यावरण शिक्षण और जैव विविधता विकास
छठी से ग्यारहवीं कक्षा में नए टॉपिक
– पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन
– प्रबंधन एवं विपणन
– प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
-डिजाइनिंग, थिंकिंग और इनोवेशन
– कॉस्ट एकाउंटिंग एवं बैंकिंग
– पुस्तकालय और भाषा विज्ञान
मौजूदा सत्र में होगी वार्षिक परीक्षा
सीबीएसई सत्र 2022-23 में दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षा कराएगा। इनमें 36 लाख से ज्यादा विद्यार्थी बैठेंगे। बोर्ड कॉपियों के मूल्यांकन, आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम जारी करेगा। मालूम हो कि पिछले सत्र में कोरोना संक्रमण के चलते दो टर्म में परीक्षाएं कराई गई थीं। इनकी प्रायोगिक परीक्षा-आंतरिक मूल्यांकन भी अलग-अलग हुई थी।