नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के एक नए म्यूटेंट AY.12 से संक्रमित 18 मरीजों के मिलने का मामला सामने आया है। ये सभी मामले पिछले एक हफ्ते में ही मिले हैं। RT PCR टेस्ट लैब में आने वाले कोरोना के सैम्पल्स में से अनिश्चित रूप से उठाए गए कुछ सैम्पल्स को इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) भेजा जाता है जहां पर कोरोना के नए वेरिएंट AY.12 की जांच की जाती है। उसी टेस्ट में ये मामले सामने आए हैं। हालांकि अभी इस बारे में कोई भी आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है कि आंध्रप्रदेश में AY.12 का पहला मामला कब और कहां पर सामने आया था और अभी राज्य में इस म्यूटेंट से कितने मरीज संक्रमित हैं।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि वे अभी रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं फिर भी कोविड-19 के नए वेरिएंट के चलते भविष्य में आने वाले सभी संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
देश में AY.12 का पहला मामले उत्तराखंड के पौड़ी गड़वाल जिले में सामने आया था। तब से देश के अलग-अलग हिस्सों में कई मामले सामने आ चुके हैं। 23 अगस्त को INSACOG द्वारा जारी किए गए एक साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार AY.12 की वजह से ही इजरायल में संक्रमण की दर में इतनी अधिक बढ़ोतरी हो रही थी। विशेषज्ञों के अनुसार डेल्टा तथा AY.12 वेरिएंट्स के बीच हुए परिवर्तन तथा उनके कारण होने वाले प्रभाव के बारे में अभी कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता।
इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भारत में इन दिनों सामने आ रहे कोरोना के अधिकतर मामले जिन्हें पहले डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण माना जा रहा था, उन्हें अब AY.12 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जब तक AY.12 वायरस को सही तरह से परिभाषित नहीं किया जाता तब तक इसके वास्तविक मामलों की भी जानकारी नहीं मिल सकेगी।
डॉक्टर्स के अनुसार अभी AY.12 वेरिएंट को लेकर स्टडी चल रही है और इसके संक्रमण की दर तथा प्रभाव के बारे में जाना जा रहा है। फिर भी अभी सावधानी रखने की जरूरत है। डेल्टा वेरिएंट और AY.12 वेरिएंट में अंतर होने के कारण इस समय भारत में मिल रहे केसेज को दुबारा से जांचा जा रहा है ताकि AY.12 वेरिएंट के मरीजों की वास्तविक संख्या का अंदाजा लगाया जा सकें।