बिहार – कोयले की कमी के कारण देश में बिजली संकट आने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। पंजाब और दिल्ली के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कोयला संकट की बात मानी है। कोयले की कमी से होने से वाली बिजली संकट को देखते हुए केरल ने बिजली आपूर्ति में कमी करने की योजना बनाई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कोयला संकट की बात मानते हुए कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि समस्या है। जहां से आपूर्ति होती थी वहां उनका उतना उत्पादन नहीं है। कोई कारण हैं जिसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हुई है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ बिहार की स्थिति है, यह सब जगह की स्थिति है।
कोयले की आपूर्ति में कमी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि जितनी बिहार की ज़रूरत है उस हिसाब से या तो हमें NTPC से मिलता है या फिर प्राइवेट कंपनियों से लेते थे। इन कंपनियों से जितना आपूर्ति का प्रावधान था, वह नहीं हो पा रहा है। इसके चलते समस्या आई है।
वहीं केरल सरकार ने राज्य में बिजली संकट को देखते हुए बिजली आपूर्ति में कमी करने की बात कही है. राज्य के बिजली मंत्री के कृष्णाकुट्टी ने कहा कि केरल सरकार 19 अक्टूबर के बाद बिजली कटौती पर निर्णय लेगी। वर्तमान में राज्य 100 मेगावाट की कमी का सामना कर रहा है। राज्य स्वचालित प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से और उच्च कीमतों पर बिजली खरीदकर मांग-आपूर्ति के अंतर को पूरा करने की कोशिश कर रहा है।
कोयले की कमी की वजह से उपजे बिजली संकट के कारण पंजाब में तीन घंटे की बिजली कटौती की जा रही है. वहीं दिल्ली में भी ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने पूरी सप्लाई नहीं मिलने की बात कही। सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में पीक डिमांड में कमी होने के बावजूद उचित सप्लाई नहीं मिल रही है। दिल्ली को NTPC की तरफ से सिर्फ 55 फीसदी सप्लाई ही मिल रही है जिसकी वजह दिल्ली के तीनों गैस प्लांट चलाए जा रहे हैं ताकि बिजली आपूर्ति बाधित ना हो सके।
बता दे कि इस समय देश में कोयले से चलने वाले अधिकांश पावर प्लांट में कोयले के संकट से जूझ रहे हैं। देश में कोयले से चलने वाले करीब 135 प्लांट में कुछ ही दिनों का कोयला बचा है जबकि उन्हें कम से कम 20 दिनों का कोयला भंडार में रखना होता है। बीते दो महीनों में बिजली की खपत में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. जिसकी वजह से कोयले का संकट पैदा हो रहा है।