राजधानी दिल्ली में छठ पूजा को लेकर जारी संशय को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दूर कर दिया है। उन्होंने कहा है कि छठ पूजा के लिए कुछ घाट निर्धारित किए जाएंगे। वहीं पर लोग पूजा करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी हिदायत दी है कि वे लोगों में भ्रम न फैलाएं। छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है।
इस पर उपराज्यपाल ने आपत्ति जताई और कहा कि इसके लिए कुछ घाट निर्धारित किये जाएंगे। वहीं पूजा होगी। यह भी कहा कि घाटों पर साफ-सफाई से लेकर बिजली-पानी की व्यवस्था समय से दुरुस्त कर दी जाए। साथ ही घाटों तक जाने वाले रास्तों को भी ठीक करा दिया जाए। उपराज्यपाल ने राजस्व और पर्यावरण विभागों को यमुना में प्रदूषण के संबंध में एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का भी निर्देश दिया है।
दरअसल मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि यमुना किनारे सभी घाटों पर छठ पूजा की जा सकेगी। उन्होंने इसके लिए 1100 से ज्यादा स्थानों पर पूजा करने की बात कही थी। यह भी कहा था कि सरकार इसके लिए 25 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उपराज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
छठ पूजा पर अधिकारियों को केजरीवाल का निर्देश- यमुना प्रदूषित ना हो, लोगों ने कमेंट में लिए दिल्ली सीएम के मजे
21 अक्टूबर को दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने एएनआई से कहा था, “दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के लाखों लोगों की धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वासों और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेरे प्रस्ताव यमुना नदी के किनारे के विभिन्न घाटों पर छठ पूजा को करने को मंजूरी दे दी थी।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 1100 घाटों पर भक्तों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आदेश जारी कर दिया है।
कोविड की वजह से दो साल नहीं हो सकी थी पूजा
मुख्यमंत्री का कहना था कि पिछले दो साल से कोविड की वजह से सार्वजनिक तौर पर पूजा नहीं हो पाई थी, लेकिन इस बार धूमधाम से इसका आयोजन करेंगे। मंत्री ने कहा था, “दिल्ली सरकार घाटों के निर्माण, वहां सुविधाएं उपलब्ध कराने और उसके आसपास साफ-सफाई कराने जैसी जरूरतें मुहैया कराने का हमेशा ध्यान रखती रही है, ताकि भक्तों के लिए यह अवसर सुविधाजनक बनाया जा सके।”