मणिपुर के कई हिस्सों में बुधवार रात हिंसा भड़क गई जिसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके साथ ही राज्य में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। हालात को काबू करने के लिए कई इलाकों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन से बातचीत कर हालात का जायजा लिया।
बुधवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले मणिपुर के 10 जिलों में मार्च निकाला था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारी मैती समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं।
हिंसा के बाद मणिपुर के 8 जिलों में कर्फ्यू
स्थिति को देखते हुए 8 जिलों काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। केंद्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (RAF) के दल भेजे गए हैं। संवेदनशील स्थानों पर सेना तथा असम रायफल्स के जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इन दो बलों के अलावा पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए मणिपुर में मौजूद हैं।
अमित शाह ने की मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात
मणिपुर सरकार ने ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिले में आयोजित एक जन रैली के हिंसक हो जाने के बाद तत्काल प्रभाव से अधिकांश जिलों में कर्फ्यू लगा दिया। साथ ही पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है और राज्य में स्थिति का जायजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक, RAF की कुछ कंपनियों को राज्य में भेजा गया है। हालांकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही वहां तैनात हैं।
वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि 24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं। राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है।
मैरी कॉम ने की केंद्र सरकार से अपील
मणिपुर हिंसा पर बॉक्सर और पूर्व राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने कहा, “अभी स्थिति बहुत बुरी है और मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं। मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया।”
क्यों भड़की मणिपुर में हिंसा?
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई थी। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके खिलाफ उसने मार्च निकाला था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।