कांग्रेस (Congress) के नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कल ही लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) की हाउसिंग कमेटी से एक नोटिस मिला है। यह नोटिस उन्हें सांसद होने के नाते मिले सरकारी बंगले को खाली करने के बारे में था। 2019 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल ने मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी देते हुए कहा था कि “मोदी सरनेम वाले सभी लोग चोर होते हैं।” इस मामले पर उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें सूरत कोर्ट ने उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई। इस वजह से उनकी सांसदी रद्द हो गई।
सांसदी रद्द होने की वजह से दिल्ली में 12, तुगलक रोड पर मिले सरकारी बंगले से भी राहुल का हक खत्म हो गया। इसी वजह से उन्हें इसे खाली करने का नोटिस मिला। आज राहुल ने इस नोटिस का जवाब एक पत्र के ज़रिए दिया है।
आदेश का करूंगा पालन
राहुल ने लोक सभा सचिवालय की एमएस ब्रांच के डिप्टी सेक्रेटरी मोहित राजन को पत्र लिखा। राहुल ने पत्र में लिखा, “प्रिय मिस्टर राजन, 12, तुगलक रोड स्थित मुझे मिले सरकारी बंगले में मेरे ठहरने के समय के खत्म होने के बारे में 27 मार्च को आपके भेजे गए पत्र के लिए धन्यवाद। पिछले 4 कार्यकालों में लोकसभा के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में, जो लोगों का जनादेश है, जिसके लिए मैं यहां बिताए अपने समय की सुखद यादों का आभारी हूं। मेरे अधिकारों के प्रति बिना किसी पूर्वाग्रह के मैं निश्चित रूप से आपके पत्र में लिखे आदेश का पालन करूंगा।”
कब तक खाली करना है सरकारी बंगला?
लोकसभा सचिवालय की तरफ से सांसदी रद्द होने से 30 दिन तक सरकारी बंगले में रहने की अनुमति होती है। इसके बाद बंगला खाली करना होता है। ऐसे में राहुल 22 अप्रैल तक 12, तुगलक रोड पर स्थित सरकारी बंगले में रह सकते हैं। 23 अप्रैल को उनका इस बंगले में रहने का सरकारी हक खत्म हो जाएगा और उन्हें इसे खाली करना होगा।