प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी, 2023) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जो चर्चा चल रही है, उस चर्चा में शामिल होकर मैं आदरणीय राष्ट्रपति जी का धन्यवाद करता हूं। उनका अभिनंदन करता हूं। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने मोदी-अडानी भाई भाई के नारे भी लगाए।
विपक्ष की नारेबाजी पर पीएम मोदी ने पलटवार किया। पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों का व्यवहार निराशाजनक है। माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि ‘कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाब… जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल’। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज़्यादा खिलेगा।हमारी सफलता में आपके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
पीएम मोदी ने कहा कि यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने सदन से देश को दिशा दी। सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है। सदन में होने वाली बातों को देश गंभीरता से सुनता और लेता है। लेकिन यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया। इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा। 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है लेकिन जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है:
पीएम मोदी ने कहा कि कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं। इसे देखकर उनकी(मल्लिकार्जुन खड़गे) पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली। अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं।