शुक्रवार (19 मई) को केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस अथॉरिटी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के लिए अध्यादेश जारी किया है। अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सोची समझी साजिश के तहत किया गया है, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के बंद होने का इंतज़ार कर थी। हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
क्या बोले अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक साजिश के तहत बदला है। उन्होने कहा, ” जिस दिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था उस ही दिन केंद्र सरकार ने सोच लिया था कि इस आदेश को अध्यादेश लाकर पलटना है, सरकार गर्मियों की छुट्टी का इंतज़ार कर रही थी इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 8 दिन बाद ऐसा किया गया है, यह सब कोर्ट के बंद होने का इंतज़ार कर रहे थे।
“कोर्ट के बंद होने का इंतज़ार कर रही थी सरकार”
अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया कि सरकार कोर्ट के बंद होने और छुट्टियों का इंतज़ार क्यों कर रही थी? अपने ही सवाल का जवाब देते हुए उन्होने कहा, “सरकार पहले भी अध्यादेश ला सकती थी लेकिन कोर्ट के बंद होने का इंतज़ार इसलिए किया गया क्योंकि यह कोर्ट के सामने 5 मिनट भी नहीं टिकने वाला था, सरकार दिल के अंदर जानती है कि यह अध्यादेश गैर संवैधानिक, गैरकानूनी और जनतंत्र के खिलाफ है,यह चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट बंद हो और हम अध्यादेश लाएं”
1 महीने तक टिकेगा ये अध्यादेश
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या इस अध्यादेश की लाइफ सिर्फ एक महीने की है कि जब तक 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट खुलेगा, हम इसको चुनौती देंगे और हम जानते की फिर इस अध्यादेश का क्या होगा।
Review Petition क्यों लाए?
सीएम केजरीवाल ने कहा कि जब वह अध्यादेश ले ही आए हैं तो उन्होंने पुनर्विचार याचिका क्यों दायर की है? यह दिल्ली की जनता के साथ मज़ाक कर रहे हैं, हम सुप्रीम कोर्ट के खुलने पर इसको चुनौती देंगे।