ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मस्जिद में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग फिलहाल नहीं होगी।
किसने दाखिल की थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले अपने फैसले में ASI को ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग करने का आदेश दिया था। ताकि यह पता चल सके कि मस्जिद में जो संरचना मिली है, वो शिवलिंग है या कुछ और।
सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस ‘शिवलिंग’ की उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कराने का आदेश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी की दलीलों पर ध्यान दिया और शुक्रवार को सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।
सर्वे के बाद ‘शिवलिंग’ का चला था पता
पिछले साल 16 मई को मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद हुए सर्वेक्षण में यह ‘शिवलिंग’ मस्जिद परिसर में पाया गया था। इस संरचना को हिंदू पक्ष द्वारा ‘शिवलिंग’ और मुस्लिम पक्ष द्वारा ‘फव्वारा’ होने का दावा किया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में है और कई सालों से इसे लेकर विवाद है।