सीएसआईआर-सिम्फर, धनबाद में मनाया गया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

277 0

सीएसआईआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद के बरवा रोड स्थित सभागार में पूर्वाह्न 10.00 बजे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आईआईटी-आईएसएम‌, धनबाद के पूर्व निदेशक, प्रोफेसर डी. सी. पाणिग्रही मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर शुद्धसत्व बसु वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े थे। धनबाद स्थित विभिन्न स्कूलों के लगभग 200 विद्यार्थियों के अलावा संस्थान के वैज्ञानिकगण, अधिकारीगण और स्टाफ सदस्यों ऑफलाइन ऑनलाइन दोनों माध्यमों से इस समारोह में शामिल हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि, प्रोफेसर डी. सी. पाणिग्रही; संस्थान के उत्कृष्ट वैज्ञानिक, डॉ. प्रदीप कुमार बैनर्जी; मुख्य वैज्ञानिकगण, डॉ. गौतम बैनर्जी व डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह एवं प्रशासन नियंत्रक, श्री आलोक शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलन करते हुए किया गया। तदोपरांत मुख्य अतिथि का पुस्तक भेंट कर स्वागत किया गया।

संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर शुद्धसत्व बसु ने अपने स्वागत संभाषण में मुख्य अतिथि समेत समारोह में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि हम प्रत्येक वर्ष 11 मई को प्रौद्योगिकी दिवस मनाते हैं। इस दिन दो अलग-अलग वर्षों में तीन मुख्य घटनाएँ घटित हुई थी – पोखरन, राजस्थान में तीन न्यूक्लियर परीक्षण हुए, सीएसआईआर की अंगीभूत प्रयोगशाला, नैल बैंगलोर द्वारा देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट हंसा III में उड़ान भरा गया और त्रिशूल मिसाइल का सफलतापूर्वक संचालन किया गया।


उन्होंने आगे कहा कि दरसरल हर दिन ही प्रौद्योगिकी का दिन है। हमें यह याद रखना होगा कि अगर हम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति करेंगे तभी समृद्धि, बेहतर जीवन प्राप्त कर सकते हैं। एक होता है विज्ञान, जो हम प्रयोगशालाओं में करते हैं। हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए उस विज्ञान को लागू करने की जरूरत होती है और उसके लिए ही प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पड़ती है।

उन्होंने आगे खासकर समारोह में शामिल बच्चों से कहा कि जो भी आप सीखें, दिल से सीखें। बिना समझे कुछ भी न सीखें। केवल याद कर, परीक्षाओं में नंबर ले आने से नहीं चलेगा। चीजों को गहराई से समझना होगा तभी जाकर आगे भविष्य में वह पढ़ाई काम आएगी। उन्होंने कार्यक्रम की भव्य सफलता के लिए शुभकामनाएँ देते हुए अपना वक्तव्य समाप्त किया।

डॉ. गौतम बैनर्जी, मुख्य वैज्ञानिक ने अपने संभाषण में 11 मई 1998 के वैभवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे भारतीय वैज्ञानिकों ने यूएस के सीआईए की नजरों से बचकर लंबी मेहनत व कोशिशों के बाद न्यूक्लियर परीक्षण किए, कैसी-कैसी सावधानियाँ बरती गईं। उन्होंने यह भी बताया कि 18 मई 1974 में स्माइलिंग बुद्धा के नाम से पहले न्यूक्लियर परीक्षण की कोशिश की गई थी। 1998 के न्यूक्लियर परीक्षण में मिली सफलता से भारत ने विश्व के सामने अपनी न्यूक्लियर क्षमता को साबित कर दिखाया।

तत्कालीन प्रधान मंत्री, स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पोखरन परीक्षण में मिली सफलता को यादगार बनाने के लिए 11 मई को प्रौद्योगिकी दिवस घोषित किया था।

आगे भी कई प्रौद्योगिकियाँ विकसित होने वाली हैं। डॉ. गौतम बनर्जी ने अंत में बताया कि सिम्फर अपने 76वें प्रौद्योगिकीय वर्ष में प्रवेश कर चुका है। संस्थान ने खनन व ईंधन विज्ञान में अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियाँ विकसित की है और आशा है कि संयुक्त रूप से प्रयास करते हुए इस प्रौद्योगिकीय सफर को आगे बढ़ाया जाएगा।

संस्थान के उत्कृष्ट वैज्ञानिक, डॉ प्रदीप कुमार बैनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि एक वैज्ञानिक, शोधकर्ता, छात्र के नाते प्रौद्योगिकी दिवस हम सभी के लिए एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण दिवस है। कोयला से कार्बन डाईऑक्साइड बनता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। तो क्यों नहीं हम कार्बन डाइऑक्साइड को वायु में छोड़ने के बजाय उसको उपयोग में लाने के बारे में सोचें? कोयला से हाइड्रोजन बन रहा है, जिससे हम ग्रीन फ्यूल  के नाम से जानते हैं। टीम भावना के साथ काम करना होगा क्योंकि साथ मिलकर ही आगे बढ़ा जा सकता है और पिछला से बेहतर हासिल किया जा सकता है। इसी के साथ उन्होंने अपने वक्तव्य को समाप्त किया।

मुख्य अतिथि, प्रोफेसर डी. सी. पाणिग्रही इस पावन अवसर पर भारत के ऐटोमिक रिसर्च के स्वर्णिम इतिहास सहित विश्वप्रसिद्ध प्रौद्योगिकियों के प्रणेताओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने आगे समीर भाटिया के हॉटमेल आविष्कार से लेकर थॉमस अल्वा एडिसन, ऐल्फ्रेड नोबेल, ऐल्बर्ट आइंस्टाइन, राइट ब्रदर्स सहित कहीं विश्वविख्यात आविष्कारकों के जीवन के कुछ प्रसंगों के बारे में बताते हुए अनवरत नवाचार करते रहने पर बल दिया।

इसके उपरांत, मुख्य अतिथि को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. जितेन्द्र कुमार सिह द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं प्रशासन नियंत्रक, श्री आलोक शर्मा ने संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके उपरांत एचआरडी प्रमुख एवं वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, श्री दिलीप कुंभकार के मार्गदर्शन में स्कूलों से आए हुए छात्र-छात्राओं को संस्थान के विभिन्न लैबों में विज़िट किए।

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

बरटांड़ मंडल स्थित जिला स्कूल मे वृक्षा रोपण, भाजपा झारखंड प्रभारी डॉ लक्ष्मीकांत वाजपई रहे उपस्थित

Posted by - September 22, 2022 0
धनबाद।  भाजपा महानगर के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह के अध्यक्षता में बरटांड़ मंडल स्थित जिला स्कूल मे वृक्षा रोपण किया गया.…

बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने कैंडल मार्च कर पुलवामा में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

Posted by - February 14, 2022 0
धनबाद : पुलवामा आतंकी हमले को याद कर बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने शहीद जवानो को याद किया। इस मौके पर…

क्रीसेंट इंटरनेशनल स्कूल में मनाया गया विश्व योग दिवस

Posted by - June 21, 2023 0
गोविंदपुर। क्रिसेंट इंटरनेशनल स्कूल ने विश्व योग दिवस नर्सरी से आठवीं की गर्मी की छुट्टियों के कारण छात्रों द्वारा ऑनलाइन…

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और रणविजय सिंह ने किया गोकुल सिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन

Posted by - June 28, 2022 0
धनबाद- तोपचांची में गोकुल सिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता जी एवं हॉस्पिटल के डायरेक्टर एच.एम.एस के…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *