भारत में कारों पर लगने वाला क्रैश गार्ड क्यों है बैन? 5 हजार तक लगता है जुर्माना

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अगर आपनी कार के सामने लगे मस्कुलर बुल बार को अभी तक नहीं निकवाया है तो तुरंत अपने नजदीकी मैकेनिक के पास जाएं और इसे निकलवा लें। वर्ना आप मुसीबत में पड़ जाएंगे। क्योंकि, ये भारत में गैरकानूनी है। आपकी कार पर बुल बार मिलने पर आपको चालान देना पड़ सकता है। साथ ही आप पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है। बुल बार कार में लगे होने से आपको और गाड़ी में बाकी पैसेंजर्स को सुरक्षित संबंधी खतरा बना रहता है।

भारत सरकार ने सभी पैसेंजर व्हीकल के फ्रंट और रियर में बुल बार्स और क्रैश गार्ड्स को इंस्टॉल कराने पर बैन लगा रखा है। अगर आपकी कार में ये मिलेगा तो आपसे 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का चालान लिया जा सकता है। साथ ही ऑन-स्पॉट आपसे बुल बार्स निकलवाने को भी कहा जा सकता है।

भारत में बुल बार्स और क्रैश गार्ड्स इन वजहों से है गैरकानूनी:

एयरबैग

किसी एक्सीडेंट की स्थिति में क्रैश गार्ड या बुल बार्स सुरक्षित रूप और समय से एयरबैग को खुलने से रोकते हैं। क्योंकि, व्हीकल के फ्रंट में सेंसर्स लगे होते हैं। लेकिन, क्रैश गार्ड इंपैक्ट को झेल लेता है। ऐसे में एयरबैग या तो खुल नहीं पाते या तो देर से खुलते हैं। और देर से खुलने या नहीं खुलने का मतलब है कि ड्राइवर और पैसेंजर्स की जान को खतरा।

चेसिस को डैमेज:

ज्यादातर स्थितियों में बुल बार या क्रैश गार्ड व्हीकल के चेसिस में फिट किए जाते हैं। ऐसे में एक्सीडेंट होने पर बार्स के इंपैक्ट की वजह से चेसिस के डैमेज होने की आशंका बढ़ जाती है।

ये दरअसल स्ट्रक्चरल सेफ्टी फीचर होता है। मॉडर्न समय की कारों में कई क्रंपल जोन होता है। ऐसे में ये किसी टक्कर के बाद कंट्रोल्ड तरीके से धंसता है। इससे टक्कर का इंपैक्ट कम हो जाता है और केबिन को कम नुकसान पहुंचता है। लेकिन, बुल बार या क्रैश गार्ड होने से इसका फायदा कम ही मिल पाता है।

राहगीरों को ज्यादा खतरा

कई तरह की स्टडी में पाया गया है कि जब किसी राहगीर को व्हीकल से राहगीर को ठोकर लगती है तो कार की तुलना में बुल गार्ड लगे होने पर ज्यादा नुकसान पहुंचता है।

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