बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) का जीतन राम मांझी पर बड़ा बयान सामने आया है। जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से ही लोगों को नीतीश की प्रतिक्रिया का इंतजार था। वहीं अब नीतीश कुमार ने कहा है कि जीतनराम मांझी पहले से ही भाजपा से मिले हुए थे और वह हमारी बातें बीजेपी तक पहुंचाते थे।
बता दें कि बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल का आज विस्तार हुआ है। जेडीयू के विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। रत्नेश सदा सोनबरसा विधानसभा सीट से जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक हैं। उन्होंने संतोष कुमार सुमन की जगह ली है।
शपथग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बात की और उन्होंने जीतनराम मांझी को लेकर कहा कि हमने उनके लिए 2014 में अपना पद छोड़ दिया था। नीतीश कुमार ने कहा, “आपको पता है कि हमने 2014 में खुद रिजाइन करके उन्हें सीएम बनाया था। जबकि पार्टी का कोई नेता नहीं चाहता था कि मैं सीएम पद से हटूं, लेकिन मैंने उन्हें सीएम बनाया।”
नीतीश कुमार ने आगे कहा, “हम तो सब जान रहे थे। वो बीजेपी के लोगों से मिलते थे और मीटिंग की बात बताते थे। उन्होंने (मांझी) खुद कहा था कि विपक्ष की बैठक में मैं भी रहूंगा। जब वो मेरे पास मिलने आये तो मैंने कह दिया कि आपको हमने इतना बनाया या तो आप अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दीजिए या फिर अलग होना है, तो अलग हो जाइए। उन्होंने विलय नहीं किया और छोड़ दिया। अब वो अलग हो गए तो ठीक ही हुआ न।”
नीतीश कुमार ने कहा, “अब ये जरूरी था क्योंकि 23 तारीख को सभी दलों की मीटिंग है और अगर ये लोग होते तो जो भी हमलोग अंदर बात करेंगे वो सब बीजेपी को खबर मिल जाती। इसीलिए हमने कहा था कि या तो विलय कर दीजिए या अलग हो जाइए। अब हो गए अलग, तो ठीक ही हुआ न। हमने तो अपने कोटा से उन्हें सीएम बना दिया।”
वहीं रत्नेश सदा को मंत्री बनाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि हम इनको काफी समय से जानते हैं और ये तीसरी बार विधायक बने हैं। उन्होंने कहा कि रत्नेश सदा काबिल हैं और अच्छा काम करेंगे।