भीषण गर्मी में आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चों को सुविधा के रूप कुछ भी नहीं नसीब हो रहा। ग्रामीण गोकुल यादव ने कहा कि आंगनवाड़ी में कोई सुविधा नहीं है। यहाँ बच्चे गर्मी से रोते हैं। सेविका सहायिका तो अपनी डयूटी निभा रहे है। सब विद्यालय की गर्मी में छुट्टी हुई लेकिन आंगनबाड़ी में बच्चो को छुट्टी नही दी गयी। यहां ना तो बिजली है ना ही पंखा और ना ही पीने के लिए पानी की ही व्यवस्था ही है। अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब होती हैं तो इसका जिम्मेदार पहले सेविका सहायिका होगी बाद में सरकार क्योंकि यही सेविका और सहायिका बच्चो को घर से लाती है।
भीषण गर्मी – आंगनबाड़ी में पंखा, पानी नदारत, ग्रामीण ने सेविका सहायिका को बताया जिम्मेदार
रामदेव राय ने कहा कि सरकार पैसे वालो को ही मोटा बनाने में लगा रहता है कमजोर को देखता तक नही है। सरकार ही आरोपी है। बच्चो को कुछ होने पर सेविका सहायिका को ही हम पकड़ेंगे।
इटौन के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 8 की बबीता कुमारी ने बताई कि हमारे विभाग ने सारा चीज जिनमें टीवी, इन्वर्टर, पानी टंकी, बोर्ड आदि हमे दिया है लेकिन बिजली की बात देने पर बिजली विभाग के लोग कहते है की पहले विभाग से बात करें और करवाये तो फिर बिजली की बात होगी और हम देंगे।
इटौन की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 186 की सेविका रूबी देवी से मिली जानकारी में इन्होने बताई की हमारा विभाग सबकुछ दिया लेकिन बिजली बिल भुगतान कौन करेगा इसको लेकर बिजली विभाग पुछ रहा है और इसी कारण सेंटर में बिजली नही है। अगर ऐसे में सेंटर पर बच्चे नही आते है तो इसका जिम्मेदार अभिवावक होने और अगर बच्चो की तबीयत बिगड़ जाती हैं तो इसका जिम्मेदार विभाग होगा, हमलोग तो सरकार का काम कर रहे हैं हमे दोषी ठहराना गलत है।
स्वास्थ्य विभाग से आंगनबाड़ी केंद्र पहुची ए एन एम नीशा कुमारी ने भी बताई की भीषण गर्मी में बिजली की सुविधा सेंटर पर ना होने से बच्चो का स्वास्थ्य बिगड़ेगा और इसके लिए सेविका और सहायिका कानून के कटघरे में आ जायेंगे। वही दूसरी ओर कुछ केंद्रों पर सेविका और सहायिका में विभाग से कुछ ना मिलने की बात अपना नाम और केंद्र संख्या ना प्रकाशित करने पर स्वीकारी है।