धनसारः मेरे इकलौते पुत्र को बचा लो। यह दर्द है एक बेबस मां और पिता का है। विक्ट्री कोलियरी निवासी के कैंसर से पीड़ित उसका 30 वर्षीय पुत्र शिवनंदन पासवान जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। पिता के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने इकलौते चिराग का इलाज करा सके। आज शिवनंदन को मदद की जरूरत है।
कैंसर पीड़ित बेटे का समुचित इलाज न करा पाने का मलाल मां इलायची देवी और पिता रामजनम पासवान को है। पिता राम जन्म नगर निगम में सफाईकर्मी का काम करते थे।
कुछ दिन पूर्व ही इन्हें काम से भी बैठा दिया गया है। अब बेटे का इलाज तो दूर घर मे खाने के लाले पड़े हुए हैं। किसी तरह दूसरों की मदद से शिवनंदन का इलाज टीएमसी अस्पताल जमशेदपुर में कराया जा रहा है।
अब इसके इलाज के लिए प्रत्येक सप्ताह सात हजार की जरूरत है। यह रकम इस परिवार के सामने पहाड़ जैसा लगने लगा है। ऐसे मे एक लाचार मां और पिता को मसीहा का इंतजार है। जो इसके बेटे के इलाज मे मदद करा सके।
शिवनंदन का हाथ बचपन में जल गया था।जहां एक साल पूर्व उसे इसी हाथ मे कैंसर पकड़ लिया। अब शिवनंदन इलाज के लिए दर दर भटकने के लिए मजबूर है। इस परिवार पर दुखों का पहाड़ उस वक्त टुट पड़ा जब एक साल पूर्व ही शिवनंदन की पत्नी मेतर देवी का देहांत हो गया।
उसका एक पांच साल का एक पुत्र सौरभ है। मेतर देवी के मौत को यह परिवार भुला भी नहीं पाया था कि शिवनंदन को कैंसर होने की बात सामने आते ही इस परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा।