धनबाद : धनबाद सहित बंगाल बिहार यूपी तक कोयला तस्करी का बादशाह लाला को सीबीआई और अब इस काले धंधे का बड़ा माफिया मैनेजर को आवाज की कलम ने सीआईडी तक पंहुचा दिया है. आवाज ने “मैडम की विदाई ने मैनेजर को रुलाया”, धनबाद के कोयला तस्कर “मैनेजर के निशाने पर धनबाद एसएसपी, और गौ तस्करी को मैनेज करने लगा मैनेजर जैसी शीर्षक की खबर छापकर प्रशासन की आखे खोलने का काम किया।
इन खबरों का बड़ा असर हुआ है CID ने कोयला तस्करी कराने के पीछे मैनेजर राय, गोप सहित अन्य लोगों की भूमिका संदिग्ध बताते हुए रिपोर्ट बनाकर डीजीपी को सौंपा है.
रिपोर्ट में पुलिस या सीसीएल सहित दूसरी किसी एजंसी पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है जो कई सवाल खड़े करता है कि बिना इनके अधिकारी के मिलीभगत से कोयला निकल कैसे रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि धनबाद कोयला तस्करों का गढ़ बन गया है.
जिले कि कई ओपी क्षेत्रों में निरसा थाना, पंचेत और मैथन ओपी क्षेत्र से कोयला तस्करी की जा रही है. जिसमे मैनेजर राय का नाम पहले नंबर है. रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने पूरे मामले की जांच का आदेश बोकारो डीआईजी कन्हैया मयूर पटेल को दिया है. मामले में उनसे भी जल्द रिपोर्ट मांगी गई है.बताया जा रहा है कि सीआईडी मुख्यालय कोयला तस्करियों के शिकंजे में लेने के एक टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू की.
दो डीएसपी की टीम ने की थी जाँच
कोयला तस्करो की चेन की मुख्य कड़ी तक पंहुचने के लिए सीआईडी मुख्यालय ने एक एक टीम गठित किया है. जिसमे दो डीएसपी जीपीएन चौधरी और रंजीत लकड़ा के अलावा दो एसआई सहित सीआईडी में आरक्षी स्तर के कुछ सिपाही शामिल थे. इन्होने गोपनीय तरिके से धनबाद के तस्करो पर नजर रखा जिसमे मैनेजर राय की भूमिका का पता चला. इसके बाद रिपोर्ट डीआईजी को सौंपी गयी है.
मैनेजर भाजपा में भी हुआ था शामिल
सूत्र बताते है कि परमेश्वर राय उर्फ मैंनेजर राय के बहुत सारे राजनीतिज्ञों व पुलिस अधिकारियो से मधुर संबंध रहे हैं, जिसके कारण पहले भी उसके उपर जितने भी आरोप लगे, उससे वो बचता रहा, 2019 में समाजसेवी का चोला पहनकर वह भाजपा में भी शामिल हो गया, लेकिन उसके करतूत का पता धीरे धीरे पार्टी में चलने लगा तो सभी दूरीबनाने लगे।