28 से 29 मार्च 2022 तक (BMS को छोड़कर) अन्य श्रम संगठनों द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कोयला कर्मियों ने सिरे से नकार दिया। श्रमिकों ने हड़ताल में शामिल नहीं होने एवं राष्ट्रहित में कोल इंडिया की बेहतरी के लिए वित्तीय वर्ष की अंतिम दिनों में ज्यादा से ज्यादा कोयले उत्पादन करने के लिए सभी कोल कर्मियों बधाई के पात्र हैं, उक्त जानकारी धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री रामधारी ने दी।
रामधारी ने कहा कि अन्य श्रम संगठनों द्वारा आहूत इस हड़ताल से कोयला उद्योग से संबंधित कोई मांग नहीं होने अर्थात राजनीति स्वार्थ पूर्ति करने के लिए हड़ताल किया गया है। जिसे कार्यरत कर्मियों ने समय से पहचान कर भाप लिया और हड़ताल को असफल कर राष्ट्र विरोधी ताकतों के मंसूबे पर पानी फेर दिया।
इस हड़ताल के संबंध में भारतीय मजदूर का शुरू से ही मानना है कि कोयला उद्योग में कार्यरत कर्मियों का कोई मांग है ही नही। इस निमित कंपनी स्तर पर अपने संगठन के माध्यम से BCCL के जुझारू श्रमिकों के बीच जाकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया कि यह हड़ताल पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है इससे श्रमिकों का कोई लाभ नहीं होने वाला। क्योकि हड़ताल श्रमिकों का अंतिम अस्त्र है, जिसका उपयोग श्रमिक के हित में अंतिम विकल्प के रूप में किया जाना चाहिए, ना की राजनीति स्वास्थ्य पूर्ति करने के लिए।
इस हड़ताल को नकार कर कोल कर्मियों ने अपनी चट्टानी एकता का परिचय देते हुये शिद्ध कर दिया कि इस हड़ताल में कोयला के मजदूरों को बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया गया है। जिसे मजदूरों ने राष्ट्र भक्ति का परिचय देते हुए हड़ताल को विफल कर उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया है। इसके लिए संघ के महामंत्री रामधारी ने तमाम BCCL कर्मियों को संघ की ओर आभार प्रकट किया ।