उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद, शशि प्रकाश सिंह ने माननीय मुख्य सचिव, झारखंड के निर्देशानुसार आज जिला परिषद की समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि जिला परिषद को प्राप्त 11.94 करोड़ की राशि में से केवल तीन करोड़ की राशि खर्च हुई है। 11.50 करोड़ का टेंडर फाइनल किया है और कॉन्ट्रेक्टर भी नियुक्ति हुआ है। परंतु अभी भी 9 करोड़ के समतुल्य कार्य किया जाना बाकी है। समीक्षा में यह भी पता चला कि संवेदक ने 50 लाख रुपए का बिल समर्पित किया है परंतु कर्मियों ने बिल को अब तक लंबित रखा है।
इस पर डीडीसी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सभी कर्मियों को भविष्य में ऐसा रवैया नहीं अपनाने की चेतावनी दी और कहा कि यदि ऐसा दुबारा किया गया तो कर्मियों पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा के दौरान उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी, जिला अभियंता तथा कर्मचारियों को सभी संवेदकों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य में गति लाने, विकास कार्यों का त्वरित निष्पादन करने तथा किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने का स्पष्ट निर्देश दिया।
साथ ही सभी संवेदक से अनुरोध किया कि वे अपना काम समयावधि में पूरा करें। काम पूरा करने के बाद उसका बिल भी समय पर जमा करें जिससे बिल का भुगतान समय किया जा सके।