झरिया: जैसे ही बरसात शुरू होती है बरारी शराफतपुर के लोग बुरी तरह से दहशत में आ जाते हैं। उन्हें चिंता सताती रहती है कि पता नहीं कब जमीन फट जाए और उनका पूरा बस्ती या उनका घर पाताल लोक को चला जाए। घर जमीन में समाने अथवा बस्ती के जमींदोज होने का डर तो पूरे साल चौबीसों घंटे रहता है लेकिन बरसात में यहाँ के हालात और भी खराब हो जाते हैं। अभी हाल ही में जैसे ही तेज बारिश हुई, घरों में बड़ी दरार के साथ गैस रिसाव शुरू हो गया। लोग दहशत में आ गए। अग्नि प्रभावित व भू धसान क्षेत्रो मे रहनेवाले लोग दहशत के साये मे रात दिन जीने को मजबूर है।
झरिया के बीसीसीएल क्षेत्र के एरिया 10 के बरारी सराफतपूर बस्ती जो कि भू धंसान क्षेत्र घोषित है । यहाँ रहने वाले बस्ती के ग्रामीणों का दर्द , डर , ख़ौफ़ को शायद ही किसी ने महसूस किया हो। यहां के लोग सीने पर पत्थर रख कर पुरे परिवार के साथ दरार व गैस रिसाव वाले घरों मे रहने को मजबूर है। वार्ड 48 के पार्षद प्रत्याशी नयन चक्रव्रती ने कहा कि सराफतपूर बस्ती के लोग हर दिन हर पल मौत के साये में रह रहे है, रात को सोते हे तो उन्हें लगता है कि सुबह देख पाएंगे की नही।
अगर बीसीसीएल के पास समस्या लेकर जाते हे तो जरेडा के पास भेज देते हैं, वँहा जाते हे तो बीसीसीएल के पास भेज देते है। एक दूसरे अपना पल्ला झाड़ रहे हैं सर्वे के बाद भी इनलोगो को सुरक्षित पर नही बसा रहे है। बीसीसीएल और जरेडा के अधिकारी एक बड़ी हादसा का इंतजार कर रहे हैं। करीब 50 घरों में दरार पड़ी हैं। नयन चक्रवर्ती ने कहा भूखे मरेंगे मगर जिन्दा नही होंगे दफन ,
इस गंभीर समस्याओ को लेकर धनबाद उपायुक्त, बीसीसीएल अधिकारी एवं जरेडा को एक पत्र माँग सौपेंगे। जिसके बाद हमलोग लोदना क्षेत्र संख्या 10 के महाप्रबन्धक कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठेंगे। फिरोजा खातून ने बताया कि पूरा घर में दरार पड़ गया, गैस निकलने से जीना दुष्भार हो गया। घर के लोग बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। हमेशा डर लगा रहता है कि कब घर गिर जायेगा। बरसात के दिनों में तो घर में रहने में डर लगता है, बाल बच्चो को लेकर घर से बाहर निकल जाते है। जल्द से जल्द हम लोगों को घर दिया जाय।