धनबाद। यदि किसी व्यक्ति में ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) जैसे लक्षण है तो वे घर-घर जा रही एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) टीम का सहयोग करें और अवश्य रूप से जानकारी दें। जिससे रोग से ग्रसित व्यक्ति का समुचित उपचार हो सके।
यह बातें आज उपायुक्त ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जागरुकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर समाहरणालय से रवाना करने के बाद कही।
उन्होंने कहा इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत आगामी 1 नवंबर 2021 तक विभिन्न प्रखंड और पंचायत तथा वैसे स्थल, जहां पूर्व में टीबी के मरीज मिले हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग की एक्टिव केस फाइंडिंग टीम घर-घर जाकर लोगों में टीबी के लक्षण की जानकारी लेंगे। टीबी के लक्षण मिलने वाले व्यक्ति का उपचार शुरू किया जाएगा।
भारत सरकार की ओर से *निक्षय पोषण योजना* के तहत उपचार की पूरी अवधि तक हर माह ₹500 दिया जा रहा है। इसके लिए मरीज को अपना अथवा परिवार के किसी भी सदस्य का बैंक अकाउंट नंबर स्वास्थ्य केंद्र में जमा कराना होगा। जब तक उपचार चलेगा तब तक उसे प्रतिमाह ₹500 की राशि दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इससे टीबी के सक्रिय मामले की पहचान करने में तेजी आएगी। 2025 तक शून्य मृत्यु के साथ यक्षमा मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य है। अभियान में जिले की 50 प्रतिशत आबादी की जांच करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके तहत एक नवंबर 2021 तक जिले के टुंडी, तोपचांची, बाघमारा, महुदा, कतरास, झरिया सहित अन्य वल्नरेबल क्षेत्रों में प्रशिक्षित सहिया घर घर जाकर टीबी मरीज की पहचान करेगी। हर टीम में 2 सहिया शामिल रहेगी।
इस मौके पर सिविल सर्जन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी व अन्य लोग भी उपस्थित थे।