धनबाद:”राधे जय-जय माधव दयिते…” इस प्रकार के सुमधुर कीर्तन से वातावरण सुशोभित हो रहा था। अवसर था राधा अष्टमी का । इस्कॉन धनबाद धैया द्वारा राधाष्टमी के कार्यक्रम का आयोजन धैया, चंचनी कॉलोनी स्थित श्री मां अपार्टमेंट में किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत अत्यंत आनंददायक कीर्तन से हुई। उसके बाद इस्कॉन धनबाद के उपाध्यक्ष दामोदर गोविंद दास ने राधा अष्टमी के महत्व का व्याख्यान करते हुए बताया कि कि यह दिन राधा रानी के आविर्भाव का दिवस है। राधारानी भगवान श्री कृष्ण के की नित्य संगिनी है। वह समस्त अखिल ब्रह्माण्डों की शाश्वत माता है। वह प्रेम और सौहार्द की प्रतिमूर्ति हैं।
उसके बाद इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नाम प्रेमदास ने राधा अष्टमी के विषय में व्याख्यान करते हुए बताया कि राधा अष्टमी हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिन हमें राधारानी से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें भगवान श्री कृष्ण जो कि हमारे परम पिता हैं, उनकी सेवा में हमें सहयोगी बनाएं।
यदि हमें कृष्ण का प्रेम प्राप्त करना है तो हमें राधा रानी से प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि वह अत्यंत दयालु एवं करुणामयी है। वह भगवान कृष्ण की भक्ति सरलता से दिला सकती हैं। राधा और कृष्ण एक दूसरे से अभिन्न है। दोनों को हम अलग-अलग नहीं देख सकते हैं, इसलिए हमें किसी भी स्थान पर दोनों के युगल विग्रह दृश्यमान होते हैं।
वे आगे बताते हुए कहते हैं कि यदि कृष्ण “मदन-मोहन” है तो राधा रानी “मदन-मोहन-मोहिनी” हैं। वह कृष्ण के हृदय को भी आकर्षित कर लेतीं हैं। यदि हमें उनसे कोई प्रार्थना करनी चाहिए तो हमें हमेशा हरे कृष्ण महामंत्र के माध्यम से प्रार्थना करनी चाहिए। हमें भगवान की सेवा में नियुक्त करें । इस प्रकार कार्यक्रम में आगे भगवान के सुंदर युगल विग्रह का पुष्प अभिषेक हुआ। इसमें भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों से भगवान का अभिषेक किया गया और भक्तों ने अत्यंत आनंददायक कीर्तन पर झूम करके आनंद में नृत्य किया।
इसके बाद सभी भक्तों ने अत्यंत स्वादिष्ट प्रसाद का आस्वादन किया ।कार्यक्रम का आयोजन कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए किया गया एवं सीमित भक्तों को ही कार्यक्रम में आने की अनुमति थी