झरिया :एक तरफ इस भीषण गर्मी को देखते हुए लगातार स्कूलों के समयसारणी मे फेरबदल कर रहे ताकि इन बच्चो को तपती गर्मी से बचाया जाए वही कुछ बस मालिक कमाई के चक्कर में बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे है. झरिया के डिगवाडीह स्थित एक चर्चित स्कूल के बच्चे बस मालिकों को मोटी रकम देने के बाद भी डिगवाडीह से झरिया पैदल जाने को विवश हुए। बस मालिकों द्वारा रंगबिरंगी बस से स्कूल में छात्र ले जाया जा रहा हैं।
बसों की खिड़कियों में जाली नही है जिससे बच्चे सुरक्षित नहीं है. बुधवार को लाल रंग की बस संख्या JH11 E 1026 खराब हो गई जिस कारण स्कूली बच्चों को डिगवाडीह से पैदल चलकर जाना पड़ा. जिसके बाद कुछ अभिभावकों को जानकारी मिली । खबर पाकर अभिभावकों ने अपना अपना काम छोड़कर बच्चों को लेने के लिए निजी वाहनों से पहुचे ।
क्या है मामला- डिनोबली स्कूल डिगवाडीह में पहले पीली रंग की बसों से स्कूली बच्चों को ढोने का कार्य होता था । 1 मई से पीली बस चलने वाली के टैंडर खत्म हो गया है । जिसके बाद नया टैंडर के अनुसार आनन फानन में विभिन्न जिला से बसों को लाकर बच्चों को ढोने का काम शुरू किया गया है । बस रंगबिरंगे है । बस के खिड़कियों में जाली नही है।
डिनोबली स्कूल से झरिया और सिजुआ जाने वाली बस पूरी तरह जर्जर हालत में है । बुधवार को बस खराब हो गई। बच्चों को पैदल चलकर जाना पड़ा। बच्चों ने बताया कि पूरा पैसा दिया जाता है उसके बाद भी यही हाल।महीना पूरा होते है बस मालिक बस किराया के लिए दबाव बनाते हैं। लेकिन जब बस खराब हो जाती है तो झांकने तक नही आते की बच्चे अपने घर किस प्रकार पैदल चलकर अपने घर जा रहे है।