धनबाद : वर्तमान वक्त में नए आविष्कार बड़ा बदलाव ला सकते हैं। वैज्ञानिकों को नए विकल्प और आविष्कार पर काम करने की जरूरत है। कई बार अखबारों के माध्यम से यह पता चलता है कि एक सामान्य से मिस्त्री ने पानी से चलने वाले गाड़ी का आविष्कार कर दिया है। अगर एक सामान्य मिस्त्री ऐसा कर सकता है तो क्या वैज्ञानिक ऐसा नहीं कर सकते ?
ये बातें सिंफर के प्लैटिनम जुबली समारोह में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए राज्य के महामहिम रमेश बैश ने कहा. उन्होंने कहा कि तंत्र-मंत्र और यंत्र दुनिया को आगे ले जा रहा है। रामायण काल के वक्त रावण के पास हवाई जहाज था जो मंत्र से चलता था। वर्तमान में भी हवाई जहाज हैं जो यंत्र से चलते हैं। महाभारत काल में संजय सब कुछ देखता था और अब हम टेलीविजन पर देखते हैं। वह मंत्र का वक्त था और यह यंत्र का समय है।
उन्होंने कहा कि कोयले का प्रचूर भंडार होने के बावजूद भी हमें कोयला आयात करना पड़ रहा है। वैज्ञानिक इस क्षेत्र में और शोध करें ताकि कोयला आयात करने से की जरूरत ना पड़े और करोड़ों का राजस्व विदेशों को न जाए।
कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल महोदय ने सिंफर की मदद से चेन्नई में विकसित संयंत्र का भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन उद्घाटन किया। साथ ही तकनीक आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया।
समारोह में नीति आयोग के सदस्य पदमश्री डॉ वी के सारस्वत, माननीय सांसद श्री पशुपतिनाथ सिंह, उपायुक्त श्री संदीप सिंह, सिंफर रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष प्रो एस द्वारकादास, सिंफर निदेशक डॉ प्रदीप कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।