झरिया: सूदखोरों से परेशान पीड़ितों के मामले लगातार सामने रहे हैं।कर्ज लेना और देना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह सूदखोरी का जरिया बन जाता है तो इसका परिणाम दर्दनाक ही होता है। सूदखोर किसी को समस्या से निकालने के लिए नहीं, बल्कि अपने धन को दोगुना-तीन गुना करने के लिए कर्ज का धंधा चलाते हैं। लाभ कमाना उनका मकसद होता है इसलिए उनमें संवेदना का स्तर लगभग शून्य रहता है।
यह हैरान करने वाली बात है कि अनेक कानूनी प्रावधान करने के बाद भी सूदखोरों का जाल पूरे झरिया में फैला है। उनका नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि अनेक क्षेत्रों में प्रशासनिक मशीनरी उन तक पहुंचने का साहस ही नहीं दिखा पाती। एक तरह से वे समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं।
ताजा मामला जोड़ापोखर थाना क्षेत्र से प्रकाश मे आया है जहाँ जामाडोबा बाबुबसा के रहने वाली विवाहित महिला सजनी देवी एक सूदखोर से परेशान होकर न्याय की गुहार पुलिस से की है। महिला ने पुलिस को बताया कि पुत्री की शादी में पड़ोस के रहने वाले स्थानीय दबंग सूदखोर से 50 हजार रुपये कर्ज लिया।
प्रति महीना 5 हजार रुपये सूद देती हूं। पति अशोक मोहली ठेला चलाकर जीविकोपार्जन करते हैं तीन पुत्री में दो अविवाहित है । ठेला से कम कमाई होने के वजह से दो तीन महीने से सूद नही दे पाए तो सूदखोर ने उनके ठेला में ताला लगाकर बन्द कर दिया । जिसके बाद पति ठेला भी चला नही पाते हैं । रोजगार छीन गया है । उसने बताया कि ईद के एक दिन पहले ही पुलिस से शिकायत भी किया उसके बाद ठेला से ताला नहीं खोला गया है। उन्होंने पुलिस से अपील किया कि किसी प्रकार सूदखोर से निजात दिलाए ताकि अपना जीवनयापन कर सके।