धनबाद। दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की सीपीइ कमिटी और कमिटी फॉर पब्लिक एंड गवर्नमेंट फाइनेंसियल मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वाधान में इंस्टिट्यूट के धनबाद , रांची और जमशेदपुर शाखाओं के सहयोग से होटल कैपिटील हिल रांची में “एकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला के उघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया के प्रेसिडेंट सीए निहार एन जम्बूसरिया ने कहा इंस्टिट्यूट के सदस्यों को विभिन्न क्षेत्रो में हो रहे बदलाओ के बारे में जानकारी देने हेतु ICAI की CPE कमिटी पूरी तरह से कटिबद्ध एवं प्रयासरत है।
इसी कड़ी में आज की यह कार्यशाला सरकारी उपक्रमों के अधिकारियो, अंकेक्षक एवं महालेखागर के अधिकारीयों को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गयी है। इस प्रयास के लिए उन्होंने धनबाद, रांची एवं जमशेपुर शाखाओंको बधाई एवं सुभकामनाये दी।
विशेष पता सीए समीरन दत्ता, डायरेक्टर फाइनेंस कोल इंडिया ने सोमबधित किया उन्होन कहा की इस तरह के कार्यसहला नितरर आयोजित किया जाना चाहिए। जो समस्या ऑडिटिंग या अकाउंटिंग से संबधित है जैसे कोयला कंपनी में ओबीआर एकाउंटिंग जिसमे अभी तक आईसीई की कोई वी गाइडलाइन इश्यू नहीं की गई है उसे जारी करने का प्रयास शाखाओं द्वारा किया जाना चाहिए
इस कार्यशाला के तकनिकी सत्र के विषय ” एकाउंटिंग ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज” पर चर्चा करते हुए कोल् इंडिया लिमिटेड, कोलकाता के महाप्रबंधक (वित्त) सीए सुनील कुमार मेहता ने कहा कि भारत सरकार कि कंपनी अफेयर्स मिनिस्टरी के द्वारा पब्लिक इंटरप्राइजेज के एकाउंटिंग से सम्बंधित 2015 में एक एकाउंटिंग स्टैण्डर्ड जारी किया हुआ है जिसमे आवश्यकतानुसार समय समय पर संसोधन कर और भी ज्यादा पारदर्शी बनाया गया है।
उन्होंने विशेषकर खनन के एकाउंटिंग के नियमो को बतलाते हुए कहा कि इसमें स्ट्राइपिंग लागत अलग करना बहुत ही आवश्यक है। कोल् माइनिंग हो या कोई भी खनन उसमे ओवरबर्डन (मिटटी, बालू, पत्थर इत्यादि) निकलता है जिसको अलग करके ही स्टॉक में दिखाया जाता है।
दूसरे तकनिकी सत्र ऑडिटिंग ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज पर चर्चा करते हुए नई दिल्ली के विशेषज्ञ सीए अलोक शिरोमणी ने एनवायरनमेंट ऑडिट और रिस्क ऑडिट के तकनिकी जटिलताओं के ऊपर विस्तार से चर्चा की।
पब्लिक इंटरप्राइजेज को पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सतत विकास की आवश्यकता के बारे में बताय। विकास एवं पर्यावरण के बीच के संतुलन को ध्यान में रखते हुए एनवायरनमेंट ऑडिट के महत्व को बताया. ऑडिट में विश्वसनीयता लाने के लिए विभिन्न तकनीकों के उपयोग के बारे में बताया ।
ऑडिट ऑफ़ पब्लिक इंटरप्राइजेज – रोल इन ऑडिटिंग विषय पर जानकारी देते हुए विशेषज्ञ सीए प्रदीप तयागी, नई दिल्ली ने कहा कि लेखा परीक्षा अच्छे सार्वजनिक क्षेत्र के शासन की आधारशिला है। उन्होंने सार्वजनिक संस्थानों पर लागू स्टैण्डर्ड ऑन ऑडिटिंग एवं ऑडिटर्स की भूमिका के बारे में चर्चा की। सी एस आर की एकाउंटिंग और ऑडिटिंग के क्षेत्र में आये नए प्रावधानों के बारे में भी विस्तार से बताया व
इस कार्यशाला में चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे प्रोफेशनल जिनका अधिकतर समय आंकड़ों में उलझा रहता है वे किस प्रकार अपने आप को स्ट्रेस से दूर रख सकें के बारे में नई दिल्ली के मोटिवेशनल विशेषज्ञ सीए उमेश वर्मा ने बताया। उन्होंने व्यवसायियों सफल प्रोफेशनल जीवन के लिए एक दूसरे से विशेषकर परिवार के सदस्यों और मित्रों से लगातार संपर्क, एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच, समय का प्रबंधन और एक दूसरे पर विश्वास महत्वपूर्ण है। सुखी जीवन के लिए स्वंय एवं अपने परिवार के ख़ुशी सब्नसे महत्वपूर्ण है।
आरम्भ में इस कार्यशाला में सबका स्वागत करते हुए इंस्टिट्यूट के धनबाद शाखा के अध्यक्ष सीए प्रतिक गनेरीवाल ने कहा कि झारखण्ड में काफी सरे पब्लिक इंटरप्राइजेज है जिनका एकाउंटिंग और ऑडिटंग समय समय पर हम चार्टर्ड अकाउंटेंट को करनी पड़ती है और इस कार्यशाला के द्वारा पब्लिक इंटरप्राइजेज कि अंकेक्षण से जुड़े बहुत से तथ्यों पर हमें जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी। साथ ही इस कार्यशाला में बीसीसीएल, ईसीएलई, सी सी एल, सी एम् पी दी आई, एनसीएल, सीएल, सीएजी पदाधिकारी,विजली बोर्ड सहित बहुत से निगमों के एकाउंटिंग और ऑडिटिंग से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य प्रतिनिधि आये है। उन्हें भी अपने निगमों और कमापनियों से जुड़े एकाउंटिंग और ऑडिटंग से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।
इस कार्यशाला को इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के अध्यक्ष सीए प्रवीण शर्मा और जमशेदपुर शाखा के अध्यक्ष सीए विकास अग्रवल ने सम्बोधित किया। इस कार्यशाला का सञ्चालन सीए शुभम मोदी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सी पी इ कमिटी के सचिव श्री अजित नाथ तिवारी दिल्ली ने दिया। इस कार्यशाला में 100 से अधिक पेशेवरों ने भौतिक और वर्चुअल मोड में भी हिस्सा लिया जिसमे 70 कॉर्पोरेट प्रतिनिधि हैं। इस कार्यशाला के आयोजन में इंस्टिट्यूट के धनबाद, रांची और जमशेदपुर शाखा के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान था।