आसनसोल। कोयला तस्करी के मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को लाला के करीबी जयदेव मंडल, गुरुपद माजी, नीरद वरण मंडल को सीबीआइ की अदालत में पेश किया। सीबीआइ से जांच अधिकारी ने उनकी सात दिन की पुलिस रिमांड की मांग कोर्ट से की। सीबीआइ कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपियों में शामिल जयदेव मंडल की तीन दिन तथा गुरुपद, नीरद व नारायण की छह दिन की रिमांड मंजूर कर उन्हें सीबीआइ के हवाले कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक कोयला तस्करी मामले में उक्त आरोपी कई दिनों से सीबीआइ की गिरफ्त से बाहर थे। मंगलवार को कोर्ट परिसर में काफी गहमा गहमी का माहौल था। वहीं कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआइ के वकील ने न्यायाधीश से दावा किया कि लाला के पास अवैध कोयला व्यापार से 1,374 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ये चारों उसके साथी हैं जो इस सब में शामिल हैं।
हालांकि उन्हें बार-बार बुलाया और पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन वे जानकारी छिपा रहे हैं। जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ की जानी चाहिए। क्योंकि यह एक साजिश है। इसकी जड़ें बहुत दूर तक जाती हैं। आरोपी की ओर से कोर्ट में 4 वकील थे।
सीबीआई के वकील द्वारा हिरासत में लेने की मांग के बारे में पूछे जाने पर चारों के मुख्य वकील शेखर कुंडू ने कहा कि सीबीआइ ने 2020 में मामला दर्ज किया था. लेकिन उनका कहना है कि ये लोग 2015/16 से ही अपना वैध कारोबार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे विभिन्न व्यवसायों में शामिल हैं। सभी को शारीरिक परेशानी भी है। उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी जमा कर दी गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में जब सीबीआइ या ईडी ने उन्हें बुलाया तो वे चले गए। जांच में हर तरह से सहयोग कर रहा है। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए।
लंबे सवाल-जवाब सत्र के बाद, न्यायाधीश ने आज दोपहर जमानत से इनकार कर दिया और जयदेव मंडल को तीन दिनों के लिए और अन्य तीन को छह दिनों के लिए सीबीआइ हिरासत में भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक एक अक्टूबर को जयदेव मंडल को आसनसोल की अदालत और चार अक्टूबर को नीरद मंडल, गुरुपद माजी और नारायण नंदा को आसनसोल की अदालत में फिर लके जाया जाएगा. कोर्ट का आदेश आते ही सीबीआइ अधिकारियों ने चारों को एक कार में बिठा लिया और कोलकाता के लिए रवाना हो गए। कोलकाता के निजाम पैलेस में छोड़ा जहां चारों से सीबीआइ पूछताछ करेगी।
सीबीआइ ने घोटाले की जांच शुरू करने के करीब एक साल बाद सोमवार को अनूप मांझी उर्फ लाला के करीबी चार लोगों को गिरफ्तार किया।
सनद रहे कि सीबीआइ ने पिछले साल 26 नवंबर को अनूप मांझी और ईसीएल के दो जीएम और तीन सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ अवैध खनन, चोरी और कोयले की तस्करी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था.
सीबीआइ ने बाद में इस मामले में देशभर में करीब 30 जगहों पर तलाशी ली। 16 सितंबर को उन्होंने सातग्राम के महाप्रबंधक के घर और कार्यालय की तलाशी ली. हालांकि, यह पता चला है कि सीबीआइ ने लाला की 175.56 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए चारों से सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने सोमवार को कोलकाता में पूछताछ की। लेकिन उन्होंने सही जवाब नहीं दिया, बल्कि तरह-तरह की जानकारियां छिपा रहे हैं.
सीबीआइ को पहले ही पता चल गया है कि जॉयदेव देश भर में अनूप मांझी के साथ कोयला कारोबार में सह साजिशकर्ताओं में से एक था।