अक्सर आपने सुना होगा ड्राइविंग के दौरान ड्राइवर को नींद आने से सड़क हादसे हो जाते हैं। इसे रोकने के लिए विशाखापट्टनम के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स प्रदीप वर्मा ने अपने दो दोस्तों ज्ञान साई और रोहित के साथ मिलकर ऐसी डिवाइस तैयार की, जो ऐसे हादसों को रोक सकेगी। स्टूडेंट्स का कहना है, इस डिवाइस को तैयार करने का खयाल 2017 में हुए आंध्र प्रदेश में हुए एक एक्सीडेंट से आया, जिसमें ड्राइवर के झपकी लगने पर बसों की भिड़ंत हो गई थी।
यों काम करती है डिवाइस
इस डिवाइस को ऐसी जगह पर लगाया जाता है, जहां से ड्राइवर की आंखों पर डिवाइस नजर रख सके। डिवाइस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरा लगा है और यह नजर रखता है कि कहीं ड्राइवर की आंखें झपकना कम तो नहीं हुईं क्योंकि सामान्य तौर पर इंसान एक मिनट में कई बार आंखें झपकाता है। ऐसा न होने पर डिवाइस में लगा स्पीकर तेज आवाज करता है और ड्राइवर को अलर्ट करता है। इस तरह हादसे को रोका जा सकता है।
हम इस डिवाइस का ट्रायल प्राइवेट बसों के साथ कर चुके हैं, लेकिन इसे और बेहतर बनाने में जुटे हैं, ताकि ऐसे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। इसके अलावा इंटरनेशनल स्कूल्स और स्टेट ट्रांसपोर्ट के साथ मिलकर इसकी टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है।
-प्रदीप वर्मा
जीपीएस करता है डिवाइस को ट्रैक
यह डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट रहती है और जीपीएस से उस गाड़ी की लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है। यह सब कुछ डिवाइस से जुड़ी ऐप पर देखा जा सकता है। कैमरा फुटेज को छोड़कर ऐप की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि ड्राइवर पलकेंं तो नहीं झपका रहा है और गाड़ी की लोकेशन कहां पर है। रोहित का कहना है, यह डिवाइस ड्राइवरों के लिए बेहद काम की साबित हो सकती है।