रांची । Jharkhand News कोलकाता पुलिस पर अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी पेपर पर उनके बेटे अभेद कुमार का फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा है. यह आरोप खुद अभेद ने लगाया है और उसने ईडी के सामने यह बयान भी दिया है. बताया है कि उसने अपने पिता की गिरफ्तारी से संबंधित किसी भी कागजात पर अपना हस्ताक्षर नहीं किया है. कोलकाता पुलिस ने अपने मन से पूरी साजिश के तहत उसके पिता को फंसाया और खुद ही सभी कागजात तैयार किया. अधिवक्ता की गिरफ्तारी से लेकर उनके स्मार्टफोन की जब्ती तक में कोलकाता पुलिस ने कानून का पालन नहीं किया. अधिवक्ता राजीव कुमार को 31 जुलाई की रात करीब नौ बजे कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था.
इस केस के शिकायतकर्ता कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल हैं, जिन्होंने अपने विरुद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में चल रहे शेल कंपनियों से संबंधित जनहित याचिका में मदद पहुंचाने के नाम पर अधिवक्ता राजीव कुमार से एक करोड़ रुपये में सौदा किया था. कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज प्राथमिकी में अमित अग्रवाल ने यह दावा किया था कि पहली किश्त के 50 लाख रुपये लेने के लिए राजीव कुमार कोलकाता गए थे, जहां उन्हें कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर उसने जाल बिछाया और उनकी गिरफ्तारी करवाई.
अब जब ईडी ने उक्त केस में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू किया और केस से जुड़े संबंधित साक्ष्यों का बयान लेना शुरू किया तो कोलकाता पुलिस का फर्जीवाड़ा भी उजागर होने लगा. ईडी ने अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था और इससे संबंधित गिरफ्तारी पेपर में यह जिक्र किया था कि अमित अग्रवाल व अधिवक्ता राजीव कुमार बराबर रूप से गुनहगार हैं. ईडी ने विशेष अदालत में दाखिल कागजात में यह जिक्र किया था कि साजिश के तहत अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर राजीव कुमार की गिरफ्तारी करवाई है. कोलकाता पुलिस ने भी नियम विरुद्ध जाकर उन्हें मदद की है, इसका खुलासा ईडी की प्रारंभिक जांच में भी हो चुका है. उक्त जांच में कोलकाता पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है, जिसकी जांच चल रही है.
अधिवक्ता राजीव कुमार के बेटे अभेद ने जो ईडी को बताया
अधिवक्ता राजीव कुमार के बेटे अभेद ने ईडी को बताया है कि वह अपने पिता के साथ एलायंस एयर की फ्लाइट से कोलकाता गया था, जिसका खर्च सोनू अग्रवाल ने उठाया था. यह वही सोनू अग्रवाल है, जिसके विरुद्ध एनआइए टेरर फंडिंग के मामले में जांच कर रही है. पिता-पुत्र कोलकाता के एक होटल में रूके और वहां से क्वेस्ट माल गए, जहां वह अपने पिता, सोनू अग्रवाल व एक अन्य व्यक्ति के साथ काफी व नाश्ता किया. कुछ समय के बाद सोनू अग्रवाल ने राजीव कुमार को माल के पांचवी मंजिल पर यह कहते हुए भेजा कि वहां कोई इंतजार कर रहा है.
राजीव कुमार अपना आइफोन बेटे को देकर पांचवी मंजिल पर चले गए और कहा कि दस मिनट में लौट जाएंगे, लेकिन वे नहीं लौटे। सोनू अग्रवाल ने अभेद को पांचवी मंजिल पर पिता को खोजने के लिए भेजा. अभेद को पांचवी मंजिल पर कोई नहीं मिला और जब वह लौटकर नीचे आया तो नीचे सोनू अग्रवाल भी नहीं था. बाद में अभेद को एक दारोगा सुजय सुल्तान का फोन आया कि उसके पिता पुलिस हिरासत में हैं. इसके बाद अभेद को कोलकाता पुलिस अपने साथ लेकर हेयर स्ट्रीट थाने पहुंची, जहां पुलिस ने उसे कुछ पल के लिए पिता से मिलने दिया और पिता का आइफोन को भी छीन लिया.
टेरर फंडिंग के आरोपित सोनू अग्रवाल पर भी ईडी का कसा शिकंजा
1000 करोड़ के अवैध खनन व 50 लाख रुपये के साथ अधिवक्ता राजीव कुमार की गिरफ्तारी मामले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी की टीम ने अब टेरर फंडिंग के आरोपित साेनू अग्रवाल की भी अर्जित संपत्तियों के स्रोत को खंगालना शुरू कर दिया है. मगध-आम्रपाली कोयला परियोजना से टेरर फंडिंग मामले में एनआइए की जांच के दौरान सोनू अग्रवाल का भी नाम सामने आया था. इसके बाद एनआइए ने सोनू अग्रवाल के रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, दुर्गापुर सहित 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी.