आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका Sri Lanka में इमरजेंसी लगा दी गई है. कर्ज के जाल में फंसकर देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है. राष्ट्रपति के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट गया है. लोग सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. देश में हालात ऐसे हो गए हैं कि खाने-पीने की चीजों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब एक दशक से श्रीलंका पर विदेशी कर्ज का भारी दबाव था. श्रीलंका पर विदेशी कर्ज 2019 में उसकी GDP का 41.3 फीसदी तक पहुंच गया था. विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे श्रीलंका को कोरोना काल ने और तोड़कर रख दिया.
कोरोना महामारी के कारण श्रीलंकाई विदेशी मुद्रा का बड़ा स्रोत पर्यटन उद्दोग ठप हो गया. विदेशी मुद्रा बचाने के लिए 2020 में आयात पर रोक लगा दी गई. आयात घटने से दाम बढ़ते चले गए, महंगाई दर 17.5 फीसदी से भी ऊपर चली गई. एक डॉलर की कीमत फिलहाल 292 श्रीलंकाई रुपये के बराबर हो गई है.
दिवालिया होने की कगार पर पहुंचा देश
श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं. इसका असर आम इंसानों पर पड़ा. हालत बिगड़ने पर श्रीलंका ने विदेशी कर्ज लेना शुरू कर दिया था लेकिन अब कर्ज चुकाना भी मुश्किल जैसा लग रहा है. बताया जा रहा है कि चीन के कर्ज में श्रीलंका की ऐसी स्थिति हो गई है. श्रीलंका ने अपने कुल कर्ज का 36 फीसदी चीन से लिया है. इसी की वजह से आज श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है.
कर्ज के बोझ से श्रीलंका बेदम!
श्रीलंका के पास कुल विदेशी कर्ज 7 खरब रुपये हैं. इसमें से भारत ने 19 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. इसके अलावा श्रीलंकाई सरकार ने भारत से 11 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और मांगा है. कच्चे तेल के मामले में श्रीलंका पूरी तरह से दूसरे देशों पर निर्भर है. श्रीलंका 80 फीसदी तेल दूसरे देशों से खरीदता है.
श्रीलंका में 74 साल में सबसे बुरे हालात
श्रीलंका के पास विदेशी कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं. खजाना पूरी तरह से खआली हो चुका है. कई ट्रेनें रुकी हुई हैं. तमाम बिजली घर बंद है. आधे से ज्यादा समय तक बिजली है. अस्पतालों में दवाओं की कमी है. ईंधन के लिए लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं. श्रीलंका में 74 साल में सबसे बुके हालात हैं. 2.20 करोड़ घरों में बिजली सप्लाई ठप हो गई है. फ्यूल स्टेशनों में डीजल नहीं बचा है. तीन महीने में पेट्रोल 92 फीसदी और डीजल 72 फीसदी महंगा हो गया है.
एक लीटर पेट्रोल की कीमत 303 रुपये
श्रीलंका में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 303 रुपये हो गई है. दवाएं 30 फीसदी महंगी हो गई है. डीजल पूरी तरह से खत्म हो चुका है. देश में कागज की किल्लत हो गई है. परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई हैं. श्रीलंका 51 अरब डॉलर के कर्ज में पहुंच गया है. देश में पांच लाख लोग गरीबी में फंस