हजारीबाग : कोयला तस्करी में बेताज बादशाह माने जाने वाले प्रशांत प्रधान को हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि प्रशांत प्रधान अपने 2 साथियों के साथ बगोदर की ओर निकला. पुलिस ने रविवार कि रात इनके लौटने को लेकर संभावना जताई और विष्णुगढ़ रोड में घात लगाकर इन्हें गिरफ्तार करने को योजना बनाई थी, पर ये लौटे नहीं. फिर पुलिस ने उनको जीपीएस को ट्रैक किया और पता चला कि वो रांची से हजारीबाग की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में चरही थाना को अलर्ट किया गया और जैसे ही फॉर्च्यूनर गाड़ी संख्या JH 02AM-0303 थाना से गुजरी, उसका पीछा किया गया. मुफस्सिल थाना गेट के पास उस गाड़ी को चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया गया. जब सर्च किया गया तो एक लोडेड सिक्सर, एक माउजर, 65 जिंदा कारतूस और 10,000 नकद बरामद किया गया
प्रशांत के खिलाफ दर्ज हैं 13 संगीन मामले
गिरफ्तार प्रशांत प्रधान ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को दिये अपने इकबालिया बयान में बताया है कि अपनी जान की सुरक्षा को लेकर वह अवैध हथियार को लेकर चलता था। उसके कई दुश्मन हैं। प्रशांत प्रधान के खिलाफ हजारीबाग, बोकारो और धनबाद में 13 संगीन मामले दर्ज हैं। इसमें हत्या, लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट जैसे संगीन मामले शामिल हैं। यह मामले इचाक, सदर, चंद्रपुरा, बगोदर, नवाडीह, विष्णुगढ़ और तोपचांची थाने में दर्ज है।
पुलिस फाइल में दर्ज है आतंक की गाथा लिखने की कई कहानियां
हजारीबाग पुलिस ने बताया कि प्रशांत प्रधान का नाम साल 1999 में तब उछला था, जब बगोदर थाना क्षेत्र में डाका डाला गया था। इसके बाद लगातार प्रशांत प्रधान के कदम अपराध के दलदल में धंसते चले गये। हत्या, लूट डकैती की घटित कई वारदातों में वह वांटेड बनता चला गया। हजारीबाग पुलिस के अनुसार इससे पहले 2006 में प्रशांत प्रधान को गिरफ्तार किया गया था। चाहे बिकाऊ कोई हो, उसका एक बेहतर खरीददार माना जाता है प्रशांत प्रधान। यही वजह है कि उसके ताल्लुकात छोटे-बड़े कई आपराधिक गिरोह, कोयला माफिया और अन्य लोगों के साथ है।