देवघर में रविवार को हुए रोप-वे हादसे में सारठ के पथरड्डा की रहने वाली एक महिला की आस्था पर अव्यवस्था भारी पड़ गई. सुमंती देवी इस हादसे का शिकार हुई और उसकी मौत हो गई। सुमंती का मायका त्रिकुट पर्वत के पास ही था। वह रामनवमी पर पूजा-अर्चना के लिए अपने ससुराल से मायके आई थी। परिजनों ने बताया कि बचपन से ही सुमंती की त्रिकुट पर्वत में अपार आस्था थी। वह अपने किसी भी कार्य की शुरुआत मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद ही करती थी। पर्वत पर हनुमान जी का मंदिर है। उसकी मान्यता थी कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। उसे क्या पता था कि अव्यवस्था के कारण आस्था जानलेवा साबित होगी।
रविवार को भी पूजा अर्चना के लिए परिवार के लोगों के साथ वह भी त्रिकुट पर्वत पर गई थी। इस दौरान रोप-वे का सैप टूटने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया। कुछ देर तक इलाज के बाद सुमंती ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि मायके से तीन लोग उसके साथ दर्शन करने गए थे। दूसरे सभी लोग सुरक्षित हैं।
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद ही शव सौंपा जाएगा।पीड़ित परिवार का कहना है कि दुर्घटना ओवर लोडिंग और रोप-वे के रख-रखाव में लापरवाही के कारण हुई। लिहाजा लोगों के जान-माल के नुकसान का मुआवजा दिया जाना चाहिए।