यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस से बातचीत को राजी, कहा नहीं चाहिए NATO की सदस्यता

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रूस से जंग का सामना कर रहा यूक्रेन अब इस जंग को खत्म करना चाहता है। शायद यही वजह है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बड़ा बयान दिया है। दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुए 14 दिन हो गए हैं, लेकिन दोनों देशों की सेनाएं पीछे नहीं हटी हैं। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति इस युद्ध के बीच अमरीका और NATO के रुख से काफी नाराज हैं। इस नाराजगी के चलते अब जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि उन्हें NATO में सदस्यता नहीं चाहिए। दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति ने वो बयान दिया है जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुरू से ही सुनना चाहते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि युद्ध जल्द खत्म हो सकता है।

NATO के ‘धोखे’ से नाराज यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अब उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि उनके देश को नाटो का सदस्य बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

दरअसल यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे रूस लगातार पश्चिमी समर्थक यूक्रेन पर हमले की एक बड़ी वजह बताता रहा है, लिहाजा अब उम्मीद की जा सकती है कि रूस युद्ध रोकने पर विचार करे।

रूस की इस शर्त को भी मानने को तैयार यूक्रेन

रूसी सेना के हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि नाटो रूस से नहीं भिड़ेगा और अब हम इस गठबंधन में शामिल होना नहीं चाहते।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि वो दो रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति पर समझौते को लेकर खुला रुख रखते हैं। जिन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के पहले स्वतंत्र देश घोषित किया था।

जेलेंस्की बोले- हम भीख नहीं मांगेंगे

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘मैं इस सवाल के बारे में बहुत पहले ही शांत हो गया था जब हम समझ गए थे कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। नाटो गठबंधन विवादित चीजों से भयभीत है और रूस से टकराव से भी।’

नाटो सदस्यता पर जेलेंस्की ने कहा कि वह किसी ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांगे।

NATO को खतरा मानता है रूस

रूस NATO के विस्तार को अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है। उसकी चिंता है कि नए पश्चिमी सदस्यों की वजह से नाटो की सेना उसकी सीमा काफी करीब पहुंच जाएगी। यही वजह है कि वह यूक्रेन के नाटो गठबंधन में शामिल होने का लगातार विरोध करता रहा है।

पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दी थी। पुतिन अब चाहते हैं कि यूक्रेन भी इन क्षेत्रों को संप्रभु और स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे, जिस पर यूक्रेन राजी नजर आ रहा है।

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