माफिया डॉन अतीक अहमद को मंगलवार (11 अप्रैल, 2023) को प्रयागराज वापस लाया जा रहा है। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और उसके भाई अशरफ को आरोपी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस वारंट के साथ गुजरात की साबरमती जेल पहुंच गई है और किसी भी वक्त अतीक को प्रयागराज लाया जा सकता है। पिछले महीने ही अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उनके अपहरण के 17 साल पुराने मामले में प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने 28 मार्च को अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद अतीक को साबरमती जेल वापस ले जाया गया था। कोर्ट ने अतीक समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। 24 फरवरी, 2023 को उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतीक, उसके बेटे, पत्नी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। अतीक अहमद के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
अतीक, बेटे अली के खिलाफ और एक मुकदमा दर्ज
प्रयागराज पुलिस ने कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके पुत्र अली के खिलाफ धूमनगंज थाना में और एक मुकदमा दर्ज किया है। इस बीच, अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाने के लिए पुलिस की टीम वहां पहुंची है। डीसीपी (नगर) दीपक भूकर ने बताया कि साबिर हुसैन की तहरीर पर सोमवार रात को धूमनगंज थाने में माफिया अतीक अहमद, उसके पुत्र अली, असाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद और असलम मंत्री (अतीक अहमद का चचेरा भाई) के खिलाफ भादंसं की धाराओं 147, 148, 149, 307, 386, 286, 504, 120-बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
साबिर हुसैन ने तहरीर में कहा, “15 फरवरी, 2023 को शाम साढ़े सात बजे अतीक अहमद का चचेरा भाई असलम मंत्री और असाद कालिया मेरे घर पर आए और कहा कि अतीक भाई ने तुम्हें गुजरात बुलाया है। जब मैंने उनके साथ जाने से मना किया तो उन्होंने गालियां देते हुए मुझे मारना-पीटना शुरू कर दिया और एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी।” उसने तहरीर में कहा, “फिरौती नहीं देने पर उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दी। इससे पूर्व, 14 अप्रैल, 2019 को अतीक अहमद के बेटे अली, असाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद और असलम मंत्री ने मुझे बुलाकर फोन से मेरी बात अतीक अहमद से करानी चाही थी। जब मैंने बात करने से मना कर दिया था तो इन्होंने कहा था कि अगर जिंदा रहना है तो अतीक अहमद के मुकदमे में खिलाफत करना बंद कर दो और हमें एक करोड़ रुपये दो। पैसा देने से मना करने पर इन्होंने जान से मारने की नीयत से मुझ पर फायरिंग की थी।” साबिर हुसैन ने इस घटना के साक्ष्य के तौर पर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने की बात की है।