पुलवामा हमले में शहीद हुए तीन जवानों की पत्नियाँ अपनी मांगों को लेकर राजस्थान की राजधानी जयपुर में लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। शहीद जवानों के समर्थन में उतरे भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार (10 मार्च) को डिटेन कर लिया था, हालांकि चोट के कारण उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजस्थान में यह मामला लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। अब जयपुर में प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
लोकतंत्र का अपमान कर रही है कांग्रेस : भाजपा
राजस्थान भाजपा मुख्यालय से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में राजस्थान भाजपा के कई बड़े नेता दिखाई दिए। इस दौरान पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में लिया है।
पुलिस द्वारा डिटेन किए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह राठोड़ ने कहा कि हमने आज विरोध शुरू किया है और हम इसे जारी रखेंगे। राज्य सरकार जिस तरह का व्यवहार दिखा रही है वह लोकतंत्र का अपमान है, हम राज्य के हर कोने में सरकार के खिलाफ विरोध को आगे बढ़ाएंगे।
क्या है मामला
राजस्थान पुलिस ने तीन सीआरपीएफ जवानों की विधवाओं को घटनास्थल से हटाए जाने के एक दिन बाद 10 फरवरी को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। तीनों शहीदों की पत्नियों ने 28 फरवरी से विरोध कर रही हैं और नियमों में बदलाव की मांग करते हुए छह दिन पहले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। इनकी मांग थी कि अनुकंपा के आधार पर न केवल उनके रिश्तेदारों को बल्कि उनके बच्चों को भी सरकारी नौकरी मिल सके। अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और शहीदों की उनके गांवों में प्रतिमाएं स्थापित करना शामिल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर पूछा कि क्या शहीद जवानों के बच्चों के बजाय उनके अन्य रिश्तेदारों को नौकरी देना “उचित” होगा। मुख्यमंत्री ने पूछा कि “शहीद के बच्चों के बड़े होने पर क्या होगा? क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है?”