उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सांड और नीलगाय के हमलों में होने वाली मौत पर मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। राज्य में सांड और नीलगाय के बढ़ते हमलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने कहा कि सांड या नीलगाय के हमले में मौत पर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही कहा गया कि मौत को राज्य आपदा की कैटेगरी में रखा जाएगा। राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव की ओर से इसे लेकर एक आदेश जारी किया गया है।
इससे पहले राज्य सरकार ने 10 तरह की आपदाओं से मृत्यु पर उन्हें आपदा घोषित किया था। इन आपदाओं में बेमौसम भारी बारिश, आंधी-तूफान, नाव दुर्घटना, सीवर सफाई वे गैस रिसाव, लू-प्रकोप, बिजली गिरने, बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना, नदी, झील, तालाब, पोखर, नहर, नाला, गड्ढा, मानव-वन्य द्वंद्व और कुआं, जल प्रपात में डूब कर होने वाली मौत शामिल हैं। यूपी सराकर आपदा से किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देती है।
राज्य में पिछले काफी समय से सांडों के हमलों की घटनाएं बढ़ने लगी थीं और ग्रामीण इलाकों में खेतों में नीलगायों के हमलों की भी घटनाएं सामने आई थीं। ऐसे में मांग की जा रही थी कि इनसे होने वाली मौतों को भी राज्य आपदा में घोषित किया जाए।
इस मांग पर गौर करते हुए राज्य सरकार ने सांड और नीलगाय के हमलों से होने वाली जनहानि को भी इस कैटेगरी में रखने का फैसला किया। बता दें कि यूपी में गावों, स्टेटे हाइवे, नेशनल हाइवे और एक्स्प्रेसवे पर नीलगाय और सांडों से वाहनों की टक्कर में लोगों की मौत या घायल होने की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं।
उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों की समस्या काफी ज्यादा बनी हुई है। इसके चलते, राहगीरों और वाहन चालकों को आने-जाने में बड़ी दिक्कत हो रही है। प्रशासन सड़कों पर घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर आदेश भी निकाल चुका है, लेकिन उसका पालन नहीं किया जा रहा