चुनाव आयोग ने आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पंजाब में एक चरण में ही चुनाव कराए जाएंगे। विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 21 जनवरी को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तारीख 28 जनवरी होगी। 31 जनवरी तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे और 14 फ़रवरी को वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को मतगणना होगी इस बार के चुनाव में उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए हुए कहा कि कोरोना वायरस के बीच चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है लेकिन यह हमारा कर्तव्य है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव कोरोना नियमों के अनुसार कराए जाएंगे। इस बार के चुनाव में 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं। चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को वैक्सीन की डबल डोज के साथ ही बूस्टर डोज भी दी जाएगी।
चुनाव के तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि 15 जनवरी 2022 तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली और जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। चुनाव आयोग स्थिति की समीक्षा करेगा और बाद में नए निर्देश जारी किए जाएंगे।
बता दें कि पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च को पूरा हो रहा है। इसलिए कार्यकाल समाप्त होने से पहले 16वीं पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही चार अन्य राज्य उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा का कार्यकाल भी हाल ही में ख़त्म हो रहा है। इसलिए इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया गया है।
बता दें कि पंजाब में विधानसभा की कुल 117 सीटें हैं। किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 59 का जादुई आंकड़ा पार करना होगा। वर्तमान में कांग्रेस के पास करीब 73 से ज्यादा विधायक हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन पिछले दिनों कुछ विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामा।
वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी रही आम आदमी पार्टी ने 20 सीटें जीती थी। जबकि शिरोमणि अकाली दल को 15 और बीजेपी को 3 सीटें मिली थीं। वहीं लोक इंसाफ़ पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी। अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 38.5 फ़ीसदी वोट मिले थे। जबकि आम आदमी पार्टी को 23.8 फ़ीसदी और शिरोमणि अकाली दल को 25.3 फ़ीसदी वोट मिले थे।
एक साल से भी अधिक समय तक दिल्ली की सीमा पर चले किसान आंदोलन की वजह से पंजाब का राजनीतिक समीकरण भी पिछले चुनाव की तुलना में इसबार बदल गया है। तीन दशकों से बीजेपी की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल साल 2020 में तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीजेपी से अलग हो गई। हालांकि इस बार बीजेपी ने कैप्टन अमरिंदर की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और और सुखदेव सिंह ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है।
वहीं अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन किया है। इसके अलावा कांग्रेस और आप अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। इस बार के चुनाव के लिए किसान नेताओं ने भी एक पार्टी बनाई है। इसका नाम संयुक्त समाज पार्टी रखा गया है। इसका नेतृत्व किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल कर रहे हैं। किसान नेताओं द्वारा बनाई गई पार्टी ने पंजाब की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
इस बार के पंजाब विधानसभा चुनाव में किसानों की समस्या, बेअदबी और बेरोजगारी अहम मुद्दा होगा। इसके अलावा नशा और अवैध खनन जैसे कई मुद्दे भी शामिल हैं। गौरतलब है कि पंजाब में मुख्य रूप से तीन भौगोलिक क्षेत्र हैं। ये तीनों क्षेत्र मालवा, दोआबा और माझा हैं। इन क्षेत्रों के चुनावी मुद्दे भी अलग अलग हैं।