Rajasthan Budget 2022: अब राजस्थान में भी मिलेगी मुफ्त बिजली, 1 करोड़ 18 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को सीधा फायदा

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के रूप में राज्य का बजट 2022-23 पेश (Rajasthan Budget 2022-23) किया जहां उन्होंने 3 घंटे से अधिक का बजट भाषण पढ़ा. वहीं बजट के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब राज्य में अलग से कृषि बजट (Rajasthan Agriculture Budget) पेश किया गया. बजट में सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कई क्षेत्रों को लेकर अहम घोषणाएं की. वहीं गहलोत ने सरकार (Gehlot government budget) की तरफ से जन घोषणाओं का खाका भी प्रस्तुत किया. सीएम ने बजट में युवाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अहम घोषणाएं करते हुए सरकारी कर्मचारियों और किसानों पर अपनी बजट घोषणाएं केंद्रित रखी.

गहलोत ने आमजन के लिए बिजली उपभोग को लेकर आज कई बड़े ऐलान किए हैं. सीएम ने कहा कि अब राज्य में 100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक बिजली मुफ्त (free electricity in rajasthan) दी जाएगी. इसके अलावा बजट में यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक 3 रुपए प्रति यूनिट और 150 से 300 यूनिट तक के 2 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि 300 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को स्लैब के हिसाब से छूट दी जाएगी.

सीएम ने आज कहा कि कोरोना काल में सभी वर्ग के परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं,मैं अल्प-आय वर्ग के साथ-साथ समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने की दृष्टि से आगामी वर्ष 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक बिजली निःशुल्क उपलब्ध करवाने की घोषणा करता हूं.

अब किसानों को मिलेगी दिन में भी बिजली

मुख्यमंत्री ने बजट के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता बढाने तथा उर्जा तंत्र के सुद्दढीकरण की दिशा में भी कई घोषणाएं की. बिजली उत्पादन की लागत में कमी लाने की दृष्टि से छबड़ा तापीय विद्युतघर का विस्तार करने के साथ ही कालीसिंध, झालावाड़ तापीय विद्युत परियोजना का विस्तार करते अल्टासुपर क्रिटीकल तकनीकी आधारित 800 मेगावाट की तीसरी इकाई स्थापित की जाएगी.

वहीं गुढ़ा बिकानेर में 950 करोड़ की 125 मेगावाट की लिग्नाइट कोयला आधारित तापीय विद्युत परियोजना स्थापित की जाएगी. प्रदेश के विद्युत वितरण तंत्र में परिचालन हानि एटीएनसी की ओर से कमी लाने के लिए कई काम करवाए जाएंगे. इसके अलावा 3565 करोड़ रुपये की लागत से 48 लाख उपभोक्ताओं के प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे. वर्तमान में प्रदेश में 16 जिलों में किसानों को दिन में बिजली मिल रही है जिसके बाद अब बचे हुए 17 जिलों में भी किसानों को दिन में बिजली दी जाएगी.

बिजली पर होती रही है राजनीति

बता दें कि राजस्थान सरकार के बजट में बिजली पर की गई इन घोषणाओं पर 4 हजार 500 करोड़ रुपये का सरकारी खर्च अनुमानित किया गया है. वहीं प्रदेश सरकार की इस घोषणा के बाद राज्य के करीब एक करोड़ 18 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होने जा रहा है.

गौरतलब है कि राजस्थान में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं जिसको देखते हुए यह घोषणा अहम साबित हो सकती है. वहीं बिजली, पेट्रोल-डीजल जैसे मुद्दे चुनावों में अहम रोल अदा करते हैं ऐसे में गहलोत ने राज्य के एक बड़े वर्ग को सीधा साधने की कोशिश की है. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में कई पार्टियों ने भी चुनावों से पहले घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों के लिए बिजली को लेकर कई अहम घोषणाएं की हैं.

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