NIA की विशेष अदालत ने गुरुवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद व अलगाववादी गतिविधियों फैलाने के मामले में दोषी ठहराया है। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक की आर्थिक स्थिति व संपत्ति से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर यासीन मलिक पर लगने वाले जुर्माने की राशि तय की जाएगी। आपको बता दें कि अलगाववादी नेता मलिक के पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, कश्मीर में शांति भंग करने के साथ गैर कानूनी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है।
अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को होगी। इससे पहले मलिक ने अदालत को बताया था कि वह खिलाफ लगाए गए आरोपों का हीं कर रहा है, जिसमें धारा 16(आतंकवादी अधिनियम), धारा 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना),धारा 18 (आतंकवादी काम को पूरा करने की साजिश), धारा 20 (आतंकवादी गिरोह का सदस्य होना) और यूएपीए व 124-ए (देशद्रोह) शामिल हैं।
यासीन मलिक को आजीवन कारावास की हो सकती है सजा
अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर जिन धाराओं में केस दर्ज है उसमें आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। अदालत ने बताया है कि मलिक ने स्वतंत्रता संग्राम नाम से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के धन जुटाता था। इसके लिए वह दुनिया भर में एक विस्तृत ढांचा और तंत्र स्थापित किया था।
इसके साथ ही यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर 2019 में प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं यासीन मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के चार जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे यासीन मलिक ने खुद स्वीकार किया है।
आर्थिक स्थिति व संपत्ति के आधार पर तय होगी जुर्माने की राशि
NIA की विशेष अदालत ने यासीन मलिक की आर्थिक स्थिति व संपत्ति से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। इसी स रिपोर्ट के आधार पर यासीन मलिक पर कितना जुर्माना लगेगा यह कोर्ट निर्धारित करेगा।