चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है. सूबे के बड़े नेता और राज्य सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maury) ने बीजेपी का दामन छोड़कर मंगलवार को समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. उनके साथ बीजेपी के तीन और विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि ये तीनों भी समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. मौर्या का कहना है कि एक दर्जन विधायक उनके संपर्क में हैं और वो भी बीजेपी छोड़ सकते हैं. मौर्या के बयान के कुछ देर बाद ही जब इस विषय पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से सवाल किया गया तो उन्होंने भी यही बात दोहराई. पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 13 विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे.
इसी के साथ पवार ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की बाद कही है. उनका कहना है कि इस बार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार बनाने जा रही है. इसी दौरान उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 13 विधायक समाजवादी पार्टी से जुड़ने वाले हैं. NCP प्रमुख शरद पवार से पहले मौर्या ने भी ऐसा ही दावा किया था और कहा था कि एक दर्जन से ज्यादा विधायक बीजेपी छोड़ सकते हैं.
बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में भी हुई चर्चा
चुनावों से ठीक पहले बीजेपी के लिए ये करारा झटका है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में भी स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के मुद्दे पर चर्चा हुई. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को इस मुद्दे पर बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी. वहीं केशव प्रसाद मौर्या ने स्वामी प्रसाद मौर्या से बातचीत की पहल भी की है.
‘गलत साबित होते हैं जल्दबाजी में लिए फैसले’
स्वामी प्रसाद मौर्या के बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट कर कहा, “आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्या जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मौं नहीं जानता हूं.” ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्या ने आगे अपील करते हुए कहा, “उनसे (स्वामी प्रसाद मौर्या) अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं.”