कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर पूरे विश्व में हड़कंप मचा हुआ है। यह वैरिएंट कई देशों में तेजी से फैल रहा है। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सात देशों में कोविड-19 के नए ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सामाजिक उपाय तत्काल बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि देश ठोस स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों से ओमिक्रोन को फैलने से रोक सकते हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा ध्यान सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों की सुरक्षा पर केंद्रित रहना चाहिए।’’
सिंह ने कहा, ‘‘अभी तक हम यह जानते हैं कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रोन अधिक तेजी से फैलता दिखाई देता है। डेल्टा के कारण पिछले कई महीनों में दुनियाभर में संक्रमण के मामले बढ़े हैं।’’ उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से आ रहे आंकड़ों से ओमिक्रोन वैरिएंट से फिर से संक्रमित होने का खतरा बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, ओमिक्रोन से गंभीर रूप से बीमार पड़ने को लेकर उपलब्ध आंकड़े सीमित हैं।
डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें आने वाले हफ्तों में और जानकारी मिल सकती है। ओमिक्रोन को हल्का मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अगर इससे ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ते, तब भी बड़ी संख्या में मामले एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईसीयू बेड ऑक्सीजन की उपलब्धता, पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी समेत स्वास्थ्य देखभाल क्षमता की समीक्षा करने और इसे सभी स्तरों पर मजबूत करने की आवश्यकता है।
टीकों पर नए वैरिएंट के असर के बारे में उन्होंने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ टीकों का प्रभाव कम हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीके एक महत्वपूर्ण हथियार हैं लेकिन जैसा कि हम जानते हैं, केवल टीकों से कोई भी देश इस महामारी से बाहर नहीं निकल सकता। हमें टीकाकरण बढ़ाना होगा और साथ ही जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों को लागू करना होगा, जो कोविड-19 के संक्रमण को सीमित रखने और मौत के मामलों को कम करने में प्रभावी साबित हुए हैं।’’