पूर्व सांसद व बाहुबली आनंद मोहन सिंह को आज अलसुबह 4.30 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। बाहुबली आनंद मोहन सिंह बिहार में गोपालगंज डीएम और वरिष्ठ आईएएस जी कृष्णैया की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। आनंद मोहन सिंह बीते 16 साल से सहरसा जेल में बंद थे। बिहार सरकार के लोक सेवक हत्या कानून में संशोधन की वजह से बाहुबली आनंद मोहन सिंह आज जेल की अंधेरी कोठरी से निकाल कर सूरज की रोशनी देख सकेंगे। जेल से छूटने के बाद वह सीधे अपने गांव पंचगछिया रवाना हो गए हैं। उनकी रिहाई पर बड़ी संख्या में समर्थक जेल पहुंचे थे। आरजेडी ने कहा कि, बाहुबली आनंद मोहन सिंह की रिहाई नियमों के तहत ही हो रही है। आरजेडी ने कहाकि, विरोधी बेवजह का सवाल खड़ा कर रहे हैं। रिहाई पर दुख जताते हुए IAS Krishnaiah की पत्नी उमा देवी 26 अप्रैल को आनंद मोहन सिंह की रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की। इस याचिका में रिहाई के बदले गए नियमों को रद करने की मांग की गई है।
सियासत के गलियारों में चर्चा तेज
आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासत के गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। करीब 17 साल पहले बिहार में गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी और बाहुबली सांसद आनंद मोहन सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। हालांकि हत्या मामले में उनकी सजा पूरी हो गई है।
आनंद मोहन संग 27 अन्य कैदी भी रिहा
अभी पूर्व सांसद आनंद मोहन 15 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। बुधवार को जेल में हाजिरी दी थी। रात भर जेल में रहने के बाद गुरुवार की सुबह-सुबह रिहा कर दिया गया। लोक सेवक हत्या कानून में संशोधन और जेल मैनुअल में संशोधन के बाद आनंद मोहन के साथ ही 27 अन्य कैदियों को भी रिहा किया गया है।
आनंद मोहन की रिहाई का फैसला गलत – डीएम जी कृष्णैया की बेटी पद्मा
आनंद मोहन की रिहाई पर गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया (जिनकी 1994 में गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन सिंह ने हत्या कर दी थी) की बेटी पद्मा ने हैदराबाद में कहाकि, नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है। हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन जताई आपत्ति
आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषियों की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।