केंद्र सरकार नकली खिलौने बेचने वालों के खिलाफ सख्ती के मूड में है। देश में अब बिना BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) गुणवत्ता चिह्न वाले खिलौने नहीं बिकेंगे। इसके संबंध में तीन प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को भी नोटिस जारी किया है। सरकार ने कहा कि पिछले एक महीने में हेमलीज व आर्चीज जैसे चर्चित ब्रांड्स समेत प्रमुख खुदरा स्टोरों से 18,600 के खिलौने जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई देशभर के हवाई अड्डों और मॉलों में मौजूद स्टोर्स में बीआईएस गुणवत्ता चिह्न की कमी और नकली लाइसेंस के उपयोग के कारण की गई है।
कई आउटलेट पर छापेमारी
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के डीजी प्रमोद कुमार का कहना है कि बिना BIS स्टैंडर्ड वाले खिलौनों की बिक्री का पता लगाने के लिए 44 पॉपुलर टॉय आउटलेट पर तलाशी अभियान चलाया है। BIS अधिकारी के अनुसार जिन आउटलेट पर छापेमारी की गई उनमें पॉपुलर टॉय ब्रांड हेमलेज के दिल्ली एयरपोर्ट, रांची, चंडीगढ़ और कोलकाता के कई आउटलेट शामिल हैं।
18,600 खिलौने जब्त
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि हमें खिलौनों की बिक्री के घरेलू निर्माताओं से शिकायतें मिली हैं जो बीआईएस मानक के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने पिछले एक महीने में 44 छापे मारे और प्रमुख खुदरा स्टोरों से 18,600 खिलौने जब्त किए। उन्होंने कहा कि देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों और मॉल में स्थित हैमलीज़, आर्चीज़, डब्ल्यूएच स्मिथ, किड्स ज़ोन और कोकोकार्ट सहित खुदरा स्टोरों पर छापे मारे गए।
अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को नोटिस
उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने खिलौनों की गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के कथित उल्लंघन के लिए तीन प्रमुख ई-कॉमर्स खिलाड़ियों- अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को भी नोटिस जारी किया है। ई-कॉमर्स कंपनियों को नॉन BIS स्टैंडर्ड वाले खिलौने नहीं बेचने का निर्देश दिए गए हैं।
1,000 खिलौना निर्माताओं के पास BIS लाइसेंस
BIS के महानिदेशक ने बताया कि आज तक किसी भी चीनी खिलौना निर्माता को बीआईएस लाइसेंस नहीं दिया गया है। देश में करीब 1,000 खिलौना निर्माताओं के पास बीआईएस लाइसेंस हैं, जिनमें से 982 घरेलू निर्माता हैं और 29 विदेशी कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी खिलौना निर्माताओं में सबसे अधिक 14 वियतनाम के हैं।
एक लाख का जुर्माना और कारावास का प्रावधान
तिवारी ने कहा कि बीआईएस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार गुणवत्ता मानदंडों के उल्लंघन के लिए खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नियमों के मुताबिक, जुर्माना के रूप में 1 लाख रुपये वसुले जाएंगे। इसके अलावा आरोपी को कारावास तक हो सकती है।