बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर 3 अगस्त तक स्टे दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) का पक्ष सुनने के बाद अपने फैसले को तब तक के लिए रिजर्व कर दिया। हाईकोर्ट मस्जिद के सर्वे पर 3 अगस्त को फैसला सुनाएगा। फैसला आने तक ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे से जुड़ा कोई भी काम नहीं किया जा सकता है।
ज्ञानवापी में सर्वे का आदेश बनारस की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दिया था। ये आदेश चार हिंदू महिलाओं की तरफ से दायर याचिका पर दिया गया था। उनकी दलील थी कि अगर वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया जाए तो पता लग जाएगा कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। हालांकि इस फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे पर 26 जुलाई की शाम पांच बजे तक स्टे लगा दिया था। टॉप कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को कहा था कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाकर जिला अदालत के फैसले को चुनौती दे सकती है। तब तक सर्वे नहीं होगा।
चीफ जस्टिस ने बनारस से तलब किया था ASI का सीनियर अफसर
मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट पहुंची तो चीफ जस्टिस ने खुद मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने ASI को सुनवाई के दौरान तलब किया। बुधवार को उनसे सवाल किया गया कि वो बताए कि किस तरह से पता लगाने जा रहे हैं कि ज्ञानवापी की जगह पर पहले मंदिर था। ASI की तरफ से पेश अफसर कोई माकूल जवाब नहीं दे सके तो हाईकोर्ट ने उनके सीनियर को कोर्ट में शाम 4.30 बजे बनारस से तलब किया।
सीनियर के तय समय पर हाईकोर्ट में नहीं पहुंचने पर सुनवाई को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। आज फिर से चीफ जस्टिस की बेंच ने मामले की सुनवाई की। ASI की दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने फैसले को रिजर्व कर दिया। तब तक सर्वे पर भी स्टे बढ़ा दिया गया। मस्जिद कमेटी ने आज की सुनवाई के दौरान भी सर्वे का विरोध किया। उनका कहना था कि ये फैसला किसी नजरिये से उनके हक में नहीं है।