कैराना में गरजे योगी कहा- किसी माफिया की हैसियत नहीं, सिर उठाकर सड़क पर चल सके

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कैराना:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामली जिले के कैराना पहुंचे। उन्होंने उन हिंदू परिवारों से मुलाकात की जो 2016 में इस क्षेत्र से पलायन कर गए थे लेकिन अब वापस आ गए हैं। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन परिवारों के साथ आदित्यनाथ की मुलाकात का राजनीतिक महत्व काफी राजनीतिक महत्व का बताया जा रहा है, वापस लौटे हिंदुओं से योगी ने पूछा, “अब तो कोई डर नहीं है ना?”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शामली जिले के कैराना में एक समूह से मुलाकात की, जो 2016 में कैराना से चले गए थे और अब वापस आ गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 2014 और 2016 के बीच, कैराना में कई हिंदू परिवार अन्य समुदायों से जबरन वसूली की धमकी के कारण पलायन कर गए थे।

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले एक बार फिर कैराना (Kairana) में पलायन के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की जा रही है। सीएम योगी ने कहा कि सत्ता में आते ही जीरो टॉलरेंस के साथ काम शुरू किया। अपराधी स्वयं पलायन को मजबूर हो गए किसी माफिया की हैसियत नहीं, सिर उठाकर सड़क पर चल सके। किसी ने दुःसाहस किया तो गोली उसकी छाती पर लगी। कोई अराजकता की स्थिति पैदा करेगा तो उसकी आने वाली पीढ़ी भी ऐसा करना भूल जाएंगी।

शामली के कैराना में सोमवार को जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि याद करिए 2017 में मैं शामली आया था तब कैराना के बारे में कहा था, यहां सुरक्षा का बेहतर वातावरण देंगे। कैराना पीडा को बाबू हुकुम सिंह ने उठाया था वो आज वह हमारे बीच में नहीं हैं, इस क्षेत्र के विकास के बारे में उनकी सोच को आगे बढ़ाने के लिए ढेर सारी परियोजना के साथ आए हैं।

अखिलेश यादव का निशाना

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने योगी के कैराना दौरे को लेकर निशाना साधा है। हाल ही में अपने कैराना दौरे के दौरान अखिलेश यादव ने लड़कियों के लिए एक विश्वविद्यालय और वहां एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की घोषणा की थी। अखिलेश ने कहा, ‘वास्तविक विकास के मुद्दों के बारे में बात करने के बजाय, वे (बीजेपी) एक ऐसा मुद्दा (पलायन) उठा रहे हैं जो कभी अस्तित्व में ही नहीं था।’

पलायन को लेकर बंटोरी थी सुर्खियां

आपको बता दें कि तत्कालीन भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने जून 2016 में दावा किया था कि एक विशेष समुदाय से संबंधित आपराधिक तत्वों द्वारा कथित धमकियों और जबरन वसूली के कारण करीब 350 हिंदुओं ने कैराना छोड़ दिया था। बाद में, कैराना पुलिस ने दावा किया था कि सूची के 150 पतों के मौके पर सत्यापन से पलायन के कई कारण सामने आए, जिसमें बेहतर व्यवसाय और नौकरी की संभावनाएं शामिल हैं।

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