देश के कई राज्यों में आंतरिक कलह का सामना कर रही कांग्रेस ( Congress ) को एक और बड़ा झटका लगा है। ओडिशा ( Odisha )में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप माझी ( Pradeep Majhi ) ने ही पार्टी छोड़ दी है। दरअसल अगले वर्ष की शुरुआत में प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस के लिए इसे बड़ा नुकसान कहा जा सकता है।
प्रदीप माझी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए पत्र लिखा है। अपने पत्र में प्रदीप माझी ने लिखा, ‘आपको बेहद सम्मान के साथ यह बताना चाहता हूं कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। यह जानकारी देते हुए मुझे बेहद दुख और दर्द है।’
थाम सकते हैं बीजू जनता दल का दामन
कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रदीप माझी के बीजू जनता दल का दामन थामने की कयास लगने शुरू हो गए हैं। दरअसल इसी महीने राज्य के सीएम नवीन पटनायक नबरंगपुर का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इसी दौरान वह बीजेडी में शामिल हो सकते हैं।
सोनिया से की ये शिकायतें
सोनिया गांधी को लिखे खत में माझी ने कहा कि वह कांग्रेस में ही रहकर लोगों की सेवा करना चाहते थे, लेकिन पार्टी में उत्साह की कमी देखने को मिल रही है। एक तरफ प्रदीप माझी ने सोनिया गांधी के नेतृत्व की तारीफ की है तो वहीं इशारों में ही राज्य से लेकर स्थानीय स्तर तक के नेतृत्व को नाकाम करार दिया है।
माझी ने लिखा, ‘आपके बहुमुखी नेतृत्व में पार्टी के संगठन ने बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन बीते कुछ वक्त में विभिन्न पदों पर बैठे लोगों के गलत फैसलों और सही ढंग से काम न करने के चलते पार्टी ने लगातार अपना भरोसा खोया है। इसे हासिल करने में शायद अब लंबा वक्त लगेगा।’
कांग्रेस में रहते हुए सेवा कर पाना मुश्किल
ओडिशा के प्रमुख आदिवासी नेताओं में से एक और राज्य की ही नबरंगपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे प्रदीप माझी ने कहा कि ‘मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं, लेकिन कांग्रेस में इसकी कमी महसूस होती है। मैं बेहद दुख के साथ पार्टी छोड़ रहा हूं, जिसके लिए मेरी बात को समझा जाना चाहिए। इसके बाद भी मैं अपनी विचारधारा के अनुसार कर्तव्य का पालन करता रहूंगा और पूरी संतुष्टि के साथ लोगों की सेवा करता रहूंगा।’
बता दें कि माझी 2009 में नबरंगपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे, लेकिन फिर 2014 और 2019 में उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा था।