सहारा चीफ को गिरफ्तार करने पहुंची 12 थानों की पुलिस, नहीं मिले सुब्रत राय

169 0

सहारा चीफ सुब्रत राय को शुक्रवार को 12 थानों की पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी. पुलिस ने सहारा शहर में काफी देर तक दबिश दी, लेकिन वह अपने आवास पर नहीं मिले. बताया जा रहा है कि वह गोमतीनगर सहारा शहर में मौजूद नहीं हैं. उनके खिलाफ नालंदा उपभोक्ता फोरम ने वारंट जारी किया था. इसी के बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन वह नहीं मिले और गिरफ्तारी नहीं हो सकी. पुलिस की टीम नलांदा से आई थी, जहां उनके साथ उपभोक्ता फोरम के कर्मचारी भी थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर महीने में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के स्पेशल जज ने भी सुब्रत राय के खिलाफ एक बेलेबल वारंट जारी किया था. उन्होंने स्पेशल कोर्ट द्वारा भेजे गए समन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे स्पेशल जज ने खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने सुब्रत राय के सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL), सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड (SIRECL) और अन्य के खिलाफ 2014 में केस दर्ज कराए थे.

सेबी स्पेशल कोर्ट ने जारी किया था वारंट
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ही मामलों में सुब्रत राय भी एक आरोपी हैं, जिन्हें कोर्ट ने कई बार पेश होने के लिए समन भेजा लेकिन वह कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए. कोर्ट ने कहा कि वह आखिरी बार 2019 में कोर्ट के सामने पेश हुए थे. बाद में वह इस समन के खिलाफ सेबी के स्पेशल कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली. कोर्ट को सहारा चीफ के वकील ने बताया था कि सुब्रत राय को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत है और इसके लिए उन्होंने लखनऊ सहारा हॉस्पिटल द्वारा जारी एक मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी थी. हालांकि स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर आयुष पसबोला ने सहारा चीफ की याचिका का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ दिनों तक समस्या होती है और अब वह कोर्ट में पेश हो सकते हैं, जिसे कोर्ट ने सही माना.

सेबी का सुब्रत राय पर आरोप
सेबी का आरोप है कि सुब्रत राय की रियल एस्टेट कंपनी ने 2009 से 2011 के बीच 75 लाख से ज्यादा निवेशकों से लगभग 6380 करोड़ रुपए की उगाही की. वहीं उनकी दूसरी हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कंपनी ने 2008 से 2011 के बीच दो करोड़ से अधिक निवेशकों से लगभग 19,400 करोड़ रुपए की उगाही की. सेबी के मुताबिक, कंपनी ने ऑप्शनली फुल्ली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स यानी ओएफसीडी के जरिए प्राइवेट प्लेसमेंट की आड़ में पब्लिक इश्यू जारी किया. सेबी ने आरोप लगाया कि उन्हें कंपनी द्वारा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स के बारे में खुलासा नहीं करने के संबंध में कई शिकायतें मिलीं.

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु सरकार को झटका, RSS की रैलियां के खिलाफ याचिका खारिज

Posted by - April 11, 2023 0
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कोे तमिलनाडु राज्य में अपनी रैलियों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार…

कांग्रेस का केंद्र पर फिर हमला, महिला आरक्षण बिल को बताया सिर्फ चुनावी झुनझुना

Posted by - September 21, 2023 0
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *