दिल्लीः शास्त्री पार्क इलाके में मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

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देश की राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है। मौत के पीछे मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती को कारण बताया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार यह घटना दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके की है। बीती रात यहां एक ही परिवार के छह सदस्य मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती जलाकर कमरे में सो गए थे।

सुबह सबकी लाश मिली। मामले की जानकारी मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में सभी लोगों के शव को बाहर निकाला। बताया जाता है कि दो शव बुरी तरह से जले मिले। जबकि चार लोगों की मौत दम घुटने से हुई।

कैसे हुआ यह हादसा-

दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत कैसे हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी तो जांच के बाद सामने आएगी। लेकिन शुरुआत छानबीन के बाद पुलिस ने बताया कि मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती से घर में आग लगी। इससे दो लोगों की मौत झुलसने जबकि चार लोगों की मौत दम घुटने से हो गई।

रूम में भर गया था कॉबन मोनोऑक्साइड-

बताया जाता है कि मच्छर जलाने वाली अगरबती से तकिए में आग गई। लेकिन नींद में सो रहे लोगों को आग का आभाष नहीं चला। जब तक लोगों की नींद खुलती तब तक काफी देर हो चुकी थी। मच्छर भगाने वाली अगरबती से लगी आग से कमरे में जहरीला कॉबन मोनोऑक्साइड गैस पैदा हुआ। जिससे दम घुटने से सभी की मौत हो गई। पुलिस टीम छानबीन में जुटी है। सभी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

कार्बन मोनोऑक्साइड जहरीला क्यों?

कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने वाले रेड ब्लड सेल्स पर हमला करती है। जब कोई सांस लेता है तो हवा में मौजूद ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन के साथ मिल जाती है। हीमोग्लोबिन की मदद से ही ऑक्सीजन फेफड़ों से होकर शरीर के दूसरे हिस्सों तक जाती है। कार्बन मोनोऑक्साइड सूंघने से हीमोग्लोबिन मॉलिक्यूल ब्लॉक हो जाते हैं।

मच्छर भगाने वाली क्वॉइल या अगरबत्ती खतरनाक
एक्सपर्ट बताते हैं कि मच्छर भगाने वाली क्वॉइल और अगरबत्ती के धुएं में कैंसर पैदा करने वाले के तत्व होते हैं। जिसके कारण लंग कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। इतना ही नहीं बल्कि अगर आप बंद कमरे में क्वाॅइल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह 100 सिगरेट के धुंए लेने के बराबर है। मार्केट में अब कई तरह के नो स्मोक वाले क्वाॅइल भी आ गए हैं। इनमें धुंआ तो नहीं होता पर कार्बन मोनोऑक्साइड काफी मात्रा में निकलती है. जो लंग्स को नुकसान पहुंचाती है।

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