मुकेश अंबानी की JIO मार्ट के खिलाफ महाराष्ट्र से तमिलनाडु तक लामबंदी शुरू हो गई है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। छोटे दुकानदारों को बर्बाद होने का डर है। वो JIO मार्ट के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। इसी वजह से देश में डिस्ट्रिब्यूटर्स ने तो अपना स्टाफ और वाहन भी कम कर दिए हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में डिस्ट्रिब्यूटर्स ने जियो मार्ट के कुछ डिलिवरी वाहनों को रोकने के लिए नाकेबंदी भी की है।
साल 2018 में जियो मार्ट को मुकेश अंबानी की रिलायंस ने देश में लॉन्च किया था। लेकिन यह सालों से मार्केट में जमे हुए छोटे-बड़े डिस्ट्रिब्यूटर्स के लिए सिर दर्द बन गया है। कई डिस्ट्रिब्यूटर्स का कहना है कि इस एप से उनके बिजनेस को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि एप के जरिए रिटेलर्स को उनके नियमित डिस्ट्रिब्यूटर्स की तुलना में सस्ता सामान मिल रहा है। जियो मार्ट 24 घंटे में माल की डिलीवरी करती है। इस वजह से बाजार में तेजी से इस एप की पकड़ बनती जा रही है।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक देश में तकरीबन 4 लाख 50 हजार पारंपरिक डिस्ट्रिब्यूटर्स हैं। अपने सेल्समैनों के जरिए वो उत्पाद की कीमतों पर 3-5% का मुनाफा कमाते हैं। ज्यादातर यह डिस्ट्रिब्यूटर्स सप्ताह में एक बार व्यक्तिगत रूप से ऑर्डर लेते हैं और खुदरा विक्रेताओं को दो दिन में माल की डिलीवरी देते हैं। यहीं पर रिलायंस उन्हें मात देने की स्थिति में आ जाता है। रिलायंस 24 घंटे के भीतर सामान की डिलीवरी करता है। खुदरा विक्रेता JioMart पार्टनर एप से जब चाहें ऑर्डर कर सकते हैं। रिलायंस ग्राहकों को मुफ्त सैम्पल भी देता है।
एक डिस्ट्रिब्यूटर का कहना है कि लगातार आठ दिनों से वे खुदरा विक्रेताओं को साबुन का एक भी पैकेट नहीं बेच पाए हैं। उन्होंने बताया कि यह वही खुदरा विक्रेता हैं जिन्हें वे 14 साल की उम्र से सामान बेचते आ रहे हैं। पूछने पर एक विक्रेता ने उन्हें एक विक्रेता ने अपने फोन पर अंबानी का एप दिखाते हुए बताया कि यहां सामान 15 प्रतिशत कम दाम पर मिलता है।
उधर, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल ने कहा कि हम गुरिल्ला रणनीति को अपनाएंगे। रॉयटर्स से उन्होंने कहा कि हम आंदोलन जारी रखेंगे, हम चाहते हैं कि कंपनियां हमारी कीमत को पहचानें।