ब्याजदरों की समीक्षा के लिए चल रही आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिवसीय बैठक खत्म होने से पहले ही बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक के साथ केनरा बैंक और करुर वैश्य बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। एचडीएफसी बैंक और केनरा बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट (MCLR) में 0.35 फीसदी और 0.05 फीसदी का इजाफा किया है। वहीं, करुर वैश्य बैंक ने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट्स (BPLR) को 0.40 फीसदी तक बढ़ाया है।
क्या होता है MCLR और BPRL?
एमसीएलआर को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट कहा जाता है। यह बैंकों के लिए एक बेंचमार्क का कार्य करती है या फिर आसान भाषा में कहा जाए तो कोई भी अपने द्वारा तय की गई एमसीएलआर रेट से कम दर पर लोन नहीं दे सकता है। एमसीएलआर का संबंध सीधे लोन से होता है जब किसी बैंक द्वारा इसे बढ़ाया जाता है तो ईएमआई में बढ़ोत्तरी में होती है जबकि कम किया जाता है तो इसका उल्टा होता है।
बीपीएलआर को बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट कहा जाता है ये भी लगभग एमसीएलआर की तरह ही होता है। बीपीएलआर उन लोग पर लागू होता है जो बेस रेट की शुरुआत से पहले दिए गए थे। बता दें, 1 जुलाई 2010 से बीपीएलआर सिस्टम को हटाकर बेस रेट सिस्टम लागू कर दिया था।
केनरा बैंक की ओर से 6 महीने के लोन का एमसीएलआर रेट बढ़ाकर 7.30 फीसदी से बढ़ाकर 7.35 फीसदी कर दिया है जबकि एक साल के लोन पर ब्याज दर को 7.35 से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है