GST को लेकर हो रहे विवाद के बीच ट्रेन के खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी लागू करने का फैसला किया गया है। अगर यात्री रेलवे प्लेटफॉर्म या ट्रेन में सफर करते हैं और भोजन ऑर्डर करते हैं तो उन्हें खाने वाली चीजों पर 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। चाहे आप भोजन आईआरसीटीसी के कैटरिंग से खरीद रहे हों या फिर वेंडरों से सभी पर जीएसटी की दर लागू होगी।
कंफ्यूजन को दूर करते हुए दिल्ली अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (AAAR) ने कंफ्यूजन को दूर करते हुए कहा कि अगर कोई यात्री रेलवे प्लेटफॉर्म से अखबर खरीदता है तो उसे GST नहीं देना होगा, लेकिन अगर कोई खाने-पीने की चीज रेलवे स्टेशन या ट्रेन में खरीदते हैं तो यात्री को 5 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।
AAAR ने कहा कि ट्रेन ट्रांसपोर्ट का एक साधन है, इसलिए इसे रेस्टोरेंट, भोजनालय, कैंटीन आदि नहीं कहा जा सकता है। इसमें यात्रियों को सर्विस का एंप्लीमेंट शामिल नहीं है। इस कारण GST चार्ज वसूल किया जाएगा। बता दें कि अभी हाल ही में भारतीय रेलवे की ओर से खाने पीने की चीजों से सर्विस चार्ज का खत्म किया गया है।
AAAR ने कहा कि GST की दरें अलग-अलग वस्तुओं पर उनकी लागू दरों पर लगाया जाएगा। इसके अलावा, ट्रेनों में या प्लेटफॉर्म पर सेवा के आधार पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू हो सकती हैं। वहीं दीपक एंड कंपनी (अपीलकर्ता) ने AAAR के फैसले के खिलाफ अपील दायर की, क्योंकि उन्होंने राजधानी ट्रेनों के साथ-साथ मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों को भोजन की आपूर्ति के लिए भारतीय रेलवे के साथ समझौता किया था।
गौरतलब है कि एएएआर ने 26 जुलाई, 2018 के बाद की अधिसूचना को भी नोट किया, जिसमें कहा गय है कि भारतीय रेलवे, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) या उनके लाइसेंसधारियों द्वारा खाद्य या पेय पदार्थों की आपूर्ति प्रदान की गई है – चाहे वह ट्रेनों में या प्लेटफॉर्म पर हो – बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5% जीएसटी के अधीन आते हैं।